विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025: “हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण”
स्थान: परवर्ती अरगा रामसर साइट, गोंडा, उत्तर प्रदेश
तिथि: 2 फरवरी 2025
महत्व और उद्देश्य:
🔹 विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है, जिससे आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
🔹 2025 की थीम “हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण” रखी गई है, जो आर्द्रभूमियों के दीर्घकालिक संरक्षण और उनके सतत उपयोग के महत्व को दर्शाती है।
मुख्य बिंदु:
✅ परवर्ती अरगा रामसर साइट: उत्तर प्रदेश में स्थित यह स्थल जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण है और इसे अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्राप्त है।
✅ आर्द्रभूमियों की भूमिका: ये पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने, जल शुद्धि, कार्बन भंडारण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
✅ सरकारी प्रयास: भारत सरकार द्वारा आर्द्रभूमियों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम (NWCP) शामिल है।
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण तथ्य:
📌 विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार कब मनाया गया था? – 1997 में
📌 रामसर सम्मेलन कब और कहाँ हुआ था? – 1971, ईरान के रामसर शहर में
📌 भारत में कितनी रामसर साइट्स हैं? – 76 (जनवरी 2025 तक)
📌 सबसे बड़ी रामसर साइट कौन-सी है? – सुंदरबन डेल्टा
📌 सबसे छोटी रामसर साइट कौन-सी है? – रेणुका झील (हिमाचल प्रदेश)
निष्कर्ष:
आर्द्रभूमियाँ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और पारिस्थितिक सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए, इनका संरक्षण हमारे साझा भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। 🌿💧
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