प्रसंग
संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकल जाएगा। यह कदम उन्होंने COVID-19 महामारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकटों के प्रबंधन में WHO की कथित विफलताओं के कारण उठाया। यह निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय के लिए एक बड़ा झटका था और इसका व्यापक भू-राजनीतिक प्रभाव पड़ा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO): परिचय
- स्थापना: 7 अप्रैल 1948।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
- कार्य:
- वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में नेतृत्व करना।
- स्वास्थ्य अनुसंधान को प्रोत्साहन देना।
- महामारी और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान सहयोग और सहायता प्रदान करना।
डोनाल्ड ट्रम्प के आरोप और तर्क
- COVID-19 प्रबंधन में विफलता:
- ट्रम्प ने WHO पर चीन के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा कि WHO ने महामारी की शुरुआत में पारदर्शिता नहीं रखी और समय पर चेतावनी देने में विफल रहा।
- चीन के प्रभाव का मुद्दा:
- ट्रम्प के अनुसार, WHO ने COVID-19 महामारी की गंभीरता को छिपाने में चीन की सहायता की।
- यह भी आरोप लगाया गया कि WHO ने महामारी की उत्पत्ति की निष्पक्ष जांच नहीं की।
- अमेरिकी वित्तीय योगदान:
- अमेरिका WHO का सबसे बड़ा वित्तीय योगदानकर्ता था।
- ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका WHO को हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर देता है, लेकिन इसे उचित प्रतिनिधित्व या पारदर्शिता नहीं मिलती।
वैश्विक प्रभाव
- स्वास्थ्य प्रयासों पर प्रभाव:
- WHO को अमेरिकी धन का बड़ा हिस्सा मिलता था, जिसका उपयोग टीकाकरण कार्यक्रमों, स्वास्थ्य अनुसंधान और महामारी प्रबंधन में किया जाता था।
- अमेरिका के बाहर निकलने से WHO के इन कार्यक्रमों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर प्रभाव:
- WHO वैश्विक स्वास्थ्य संकटों के दौरान देशों के बीच समन्वय करने वाली प्रमुख संस्था है।
- अमेरिका के बाहर निकलने से वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में विभाजन का खतरा बढ़ गया।
- चीन की भूमिका का विस्तार:
- अमेरिका के कदम के बाद, चीन ने WHO में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास किया।
- चीन ने WHO को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
समाधान और सुझाव
- वैश्विक स्वास्थ्य सुधार:
- WHO को अपनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए।
- सदस्य देशों के बीच संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।
- स्वतंत्र जांच:
- वैश्विक स्वास्थ्य संकटों की उत्पत्ति और प्रबंधन पर स्वतंत्र जांच के लिए तंत्र विकसित किए जाएं।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- सदस्य देशों को अपने मतभेदों को सुलझाकर स्वास्थ्य क्षेत्र में सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।
- वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहयोग बढ़ाया जाए।
- स्वास्थ्य वित्तपोषण:
- WHO को वित्तपोषण के लिए विभिन्न स्रोतों पर निर्भरता बढ़ानी चाहिए।
- महामारी के दौरान वित्तीय संकट से बचने के लिए आपातकालीन कोष की स्थापना।
निष्कर्ष:
अमेरिका का WHO से बाहर निकलना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम था जिसने वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया। COVID-19 महामारी जैसी आपदाएँ यह साबित करती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करना और सदस्य देशों का सहयोग बढ़ाना अनिवार्य है। WHO को अपनी कमियों को दूर कर एक निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावी वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के रूप में उभरने की दिशा में काम करना चाहिए।
UPSC दृष्टिकोण से संभावित प्रश्न
प्रीलिम्स संभावित प्रश्न
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
- उत्तर: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
- WHO के वर्तमान महानिदेशक कौन हैं (2025 तक)?
- उत्तर: टेड्रोस अधानोम गेब्रियेसस।
- WHO का गठन किस वर्ष हुआ था?
- उत्तर: 1948।
मुख्य परीक्षा संभावित प्रश्न
- प्रश्न: COVID-19 महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका का विश्लेषण करें।
- प्रश्न: अमेरिका के WHO से बाहर निकलने का वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न: अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सदस्य देशों के वित्तीय योगदान और पारदर्शिता के बीच संबंध पर चर्चा कीजिए।
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