अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

गेहूं उत्पादन (Wheat Production)

गेहूं उत्पादन (Wheat Production)

समाचार में क्यों?

• कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान (Second Advance Estimates) के अनुसार,
2024-25 में भारत का गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 115.3 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) रहने का अनुमान है।
• यह उत्पादन 2023-24 के 113.3 मिलियन टन से लगभग 2% अधिक है।


भारत में गेहूं उत्पादन का परिदृश्य

• भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है (पहला स्थान चीन का है)।
रबी फसल के रूप में गेहूं मुख्य रूप से उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में उगाया जाता है
• गेहूं उत्पादन में योगदान देने वाले प्रमुख राज्य:

  • उत्तर प्रदेश
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान

उत्पादन में वृद्धि के कारण

अच्छी जलवायु परिस्थितियाँ: 2023-24 की तुलना में इस साल अनुकूल तापमान और बारिश ने गेहूं उत्पादन को बढ़ावा दिया।
उन्नत बीज और कृषि तकनीक: सरकार ने उन्नत गेहूं किस्मों को बढ़ावा दिया, जिससे उत्पादन में सुधार हुआ।
कृषि योजनाओं और नीतियों का समर्थन: पीएम-किसान योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य सरकारी योजनाओं ने किसानों को प्रोत्साहित किया।
सिंचाई सुविधाओं में सुधार: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और अन्य प्रयासों से बेहतर जल आपूर्ति हुई।


चुनौतियाँ और संभावित प्रभाव

चुनौतीस्पष्टीकरण
जलवायु परिवर्तन का प्रभावअचानक गर्मी बढ़ने या असामान्य वर्षा से फसल को नुकसान हो सकता है।
MSP और खरीद प्रक्रियाकिसानों को अक्सर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने में कठिनाई होती है।
मौजूदा भंडारण समस्याबड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण भंडारण और लॉजिस्टिक्स की समस्या बढ़ सकती है।
निर्यात प्रतिबंधघरेलू आपूर्ति बनाए रखने के लिए भारत ने 2022 में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे वैश्विक बाजारों में भारत की भूमिका सीमित हो गई।

निष्कर्ष

गेहूं उत्पादन में वृद्धि भारत की खाद्य सुरक्षा को मज़बूत करती है और यह किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है।
• सरकार को MSP व्यवस्था, भंडारण क्षमता और निर्यात नीति पर ध्यान देना होगा ताकि उत्पादन वृद्धि का लाभ किसानों तक पहुंचे।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए अनुसंधान और तकनीकी नवाचार को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।


यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु

GS Paper 3 (कृषि और अर्थव्यवस्था)

• भारत में खाद्यान्न उत्पादन की प्रवृत्ति।
• कृषि नीतियाँ और योजनाएँ (PM-KISAN, MSP, PMKSY)।
• जलवायु परिवर्तन और कृषि उत्पादन।
• भारत की खाद्य सुरक्षा और भंडारण क्षमता।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *