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केंद्रीय बजट 2025-26: मुख्य विशेषताएं, विकास इंजन और सुधार | Union Budget 2025-26: Key Features, Growth Engines, and Reforms

केंद्रीय बजट 2025-26: मुख्य विशेषताएं, विकास इंजन और सुधार

Table Of Contents
  1. केंद्रीय बजट 2025-26: ताज़ा समाचार
  2. केंद्रीय बजट के बारे में
  3. केंद्रीय बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएँ
  4. केंद्रीय बजट 2025-26 में प्राथमिकता प्राप्त वर्ग
  5. केंद्रीय बजट 2025-26 में प्रमुख सुधार क्षेत्र
  6. 1. कृषि: आत्मनिर्भर और समृद्ध ग्रामीण भारत की ओर
  7. 2. MSMEs: छोटे उद्योगों को सशक्त बनाना
  8. 3. निवेश: शिक्षा, बुनियादी ढांचे और नवाचार में निवेश
  9. निर्यात संवर्धन और डिजिटल अवसंरचना
  10. घरेलू विनिर्माण और इंडस्ट्री 4.0 को बढ़ावा
  11. अवसंरचना और वेयरहाउसिंग समर्थन
  12. बजट 2025-26: सुधार – विकास का ईंधन
  13. वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास (Financial Sector Reforms & Development)
  14. आधुनिक नियामक प्रणाली (Modern Regulatory System) के लिए प्रमुख कदम
  15. 📉 राजकोषीय घाटे के लक्ष्य (Fiscal Deficit Targets)
  16. 📊 संशोधित अनुमान (Revised Estimates – RE) 2024-25
  17. 📊 बजट अनुमान (Budget Estimates – BE) 2025-26
  18. 💰 मध्यम वर्ग के लिए कर राहत और आयकर सुधार
  19. 📑 TDS/TCS सरलीकरण
  20. 📝 कर अनुपालन में सुधार और प्रोत्साहन
  21. 🚀 व्यापार सुगमता और निवेश प्रोत्साहन
  22. 📦 सीमा शुल्क सुधार और व्यापार संवर्धन
  23. 🏭 घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा
  24. 🌍 निर्यात संवर्धन उपाय
  25. 🔹 निष्कर्ष

केंद्रीय बजट 2025-26: ताज़ा समाचार

वित्त मंत्री ने “सबका विकास” थीम के साथ केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।


केंद्रीय बजट के बारे में

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 112 सरकार को यह अनिवार्य करता है कि वह हर वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) के लिए अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण संसद में प्रस्तुत करे।
इसे वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) कहा जाता है।

यह तीन भागों में विभाजित होता है:
🔹 संघटक निधि (Consolidated Fund)
🔹 आपातकालीन निधि (Contingency Fund)
🔹 सार्वजनिक लेखा (Public Account)

सरकार को इन निधियों के लिए प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करना होता है।


केंद्रीय बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएँ

वित्त मंत्री ने प्रसिद्ध तेलुगु कवि गुरजाडा अप्पा राव के शब्दों को उद्धृत किया:
🗨️ “देश केवल उसकी भूमि नहीं है; देश उसके लोग हैं।”

इस साल के बजट की “विकसित भारत” (Viksit Bharat) थीम के अनुरूप, वित्त मंत्री ने छह प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया

विकसित भारत के छह प्रमुख सिद्धांत

शून्य गरीबी (Zero Poverty)
सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education for All)
सुलभ और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा (Affordable, High-Quality Healthcare)
कुशल कार्यबल और अर्थपूर्ण रोजगार (Skilled Workforce with Meaningful Employment)
आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की 70% भागीदारी (70% Women Participation in Economic Activities)
किसानों को भारत का “विश्व का अन्न भंडार” बनाने की दिशा में अग्रसर करना (Farmers Making India the ‘Food Basket of the World’)


केंद्रीय बजट 2025-26 में प्राथमिकता प्राप्त वर्ग

यह बजट गरीबों (गरीब), युवाओं, किसानों (अन्नदाता) और महिलाओं (नारी) को प्राथमिकता देता है।
साथ ही, यह विकास को गति देने, निजी निवेश आकर्षित करने, घरेलू जीवन स्तर सुधारने और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।


केंद्रीय बजट 2025-26 में प्रमुख सुधार क्षेत्र

बजट में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में सुधार प्रस्तावित हैं:
🔹 कर प्रणाली (Taxation)
🔹 ऊर्जा क्षेत्र (Power)
🔹 शहरी विकास (Urban Development)
🔹 खनन (Mining)
🔹 वित्तीय क्षेत्र (Financial Sector)
🔹 नियमन (Regulations)


केंद्रीय बजट 2025-26: विकास के चार प्रमुख इंजन

केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चार प्रमुख इंजन पहचाने गए हैं:
🚜 कृषि (Agriculture)
🏭 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs)
📈 निवेश (Investment)
🌍 निर्यात (Exports)


1. कृषि: आत्मनिर्भर और समृद्ध ग्रामीण भारत की ओर

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना

राज्यों के सहयोग से 100 जिलों में लागू
उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना
भंडारण सुविधाओं में सुधार, सिंचाई को बढ़ाना और ऋण सुविधा उपलब्ध कराना

ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम

कृषि में अधूरी रोजगार की समस्या को दूर करने के लिए बहु-क्षेत्रीय पहल
कौशल विकास, निवेश, टेक्नोलॉजी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
ग्रामीण महिलाएं, युवा किसान, छोटे और सीमांत किसान एवं भूमिहीन परिवारों को लाभ

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (6 सालों के लिए)

तूर, उड़द और मसूर दालों पर विशेष ध्यान
NAFED और NCCF अगले 4 वर्षों तक इन दालों की खरीद करेंगे

कृषि के प्रमुख सुधार

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम
उच्च उत्पादकता वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन
कपास उत्पादकता के लिए 5-वर्षीय मिशन

किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख
संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत लाभ


2. MSMEs: छोटे उद्योगों को सशक्त बनाना

MSMEs के लिए विकास योजनाएँ

भारत के कुल निर्यात में 45% योगदान, आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण
MSME वर्गीकरण की निवेश और टर्नओवर सीमा क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाई गई
क्रेडिट सुविधा में विस्तार, गारंटी कवर में वृद्धि

महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों के लिए समर्थन

5 लाख पहली बार के महिला और SC/ST उद्यमियों के लिए नई योजना
अगले 5 वर्षों में ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन उपलब्ध

निर्माण और ‘मेड इन इंडिया’ को बढ़ावा

भारत को खिलौनों का वैश्विक हब बनाने के लिए नई योजना
छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए राष्ट्रीय निर्माण मिशन (‘Make in India’ को मजबूती देने के लिए लॉन्च)


3. निवेश: शिक्षा, बुनियादी ढांचे और नवाचार में निवेश

लोगों में निवेश

अगले 5 वर्षों में 50,000 ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ सरकारी स्कूलों में स्थापित होंगी
‘भारतनेट’ के तहत सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा
‘भारतीय भाषा पुस्तक योजना’ के तहत डिजिटल भारतीय भाषा की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी
‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लिए 5 राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence for Skilling) स्थापित किए जाएंगे
शिक्षा के लिए ₹500 करोड़ की लागत से ‘AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’
गिग वर्कर्स को पहचान पत्र, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण, और ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत स्वास्थ्य लाभ

अर्थव्यवस्था में निवेश

बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के लिए 3-वर्षीय PPP परियोजना पाइपलाइन
राज्यों के लिए ₹1.5 लाख करोड़ के 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण आवंटित
दूसरी ‘एसेट मोनेटाइजेशन योजना’ (2025-30) के तहत ₹10 लाख करोड़ की नई परियोजनाओं में पुनर्निवेश
‘जल जीवन मिशन’ 2028 तक बढ़ाया गया, गुणवत्ता, संचालन और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित
शहरों को ‘विकास केंद्र’ बनाने, रचनात्मक पुनर्विकास, और जल एवं स्वच्छता सुधार के लिए ₹1 लाख करोड़ का ‘अर्बन चैलेंज फंड’

नवाचार में निवेश

निजी क्षेत्र-संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार के लिए ₹20,000 करोड़ आवंटित
‘राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन’ (Geospatial Mission) शहरी योजना और डेटा विकास के लिए
‘ज्ञान भारतम मिशन’ के तहत 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण
‘भारतीय ज्ञान प्रणाली के राष्ट्रीय डिजिटल भंडार’ (National Digital Repository of Indian Knowledge Systems) का प्रस्ताव


4th इंजन: निर्यात (Exports) – वैश्विक बाजारों में भारत की भागीदारी को बढ़ावा

निर्यात संवर्धन और डिजिटल अवसंरचना

निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission)
– MSMEs को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में सहायता
– वाणिज्य, MSME और वित्त मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से संचालित

‘भारत ट्रेडनेट’ (BharatTradeNet – BTN) प्रस्तावित
– व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तीय समाधान के लिए एकीकृत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना


घरेलू विनिर्माण और इंडस्ट्री 4.0 को बढ़ावा

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (Supply Chains) में बेहतर एकीकरण के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं का विकास
घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को इंडस्ट्री 4.0 अवसरों का लाभ उठाने के लिए समर्थन
उभरते हुए टियर-2 शहरों में ‘ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स’ (GCCs) के लिए राष्ट्रीय ढांचा प्रस्तावित


अवसंरचना और वेयरहाउसिंग समर्थन

एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग को अपग्रेड करने पर ध्यान केंद्रित
उच्च-मूल्य वाले नाशवंत बागवानी उत्पादों के परिवहन और निर्यात को बढ़ावा


बजट 2025-26: सुधार – विकास का ईंधन

पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा करदाताओं के अनुकूल प्रमुख सुधार लागू
फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assessment)
करदाता चार्टर (Taxpayers’ Charter)
तेज़ रिफंड प्रक्रिया
99% रिटर्न सेल्फ-असेसमेंट के आधार पर स्वीकार किए गए
‘विवाद से विश्वास’ (Vivad se Vishwas) योजना के तहत विवाद समाधान

📌 “पहले विश्वास, बाद में जांच” (Trust First, Scrutinize Later) के सिद्धांत पर जोर
📌 निरंतर कर सुधारों के माध्यम से करदाताओं की सुविधा बढ़ाने का संकल्प


वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास (Financial Sector Reforms & Development)

निवेश आकर्षित करने, अनुपालन सुधारने और मजबूत नियामक वातावरण बनाने के लिए प्रमुख सुधार

बीमा क्षेत्र में FDI सीमा बढ़ाई गई

74% से बढ़ाकर 100%, लेकिन शर्त यह कि संपूर्ण प्रीमियम भारत में निवेश किया जाए

लाइट-टच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क

विश्वास-आधारित शासन (Trust-Based Governance) पर ध्यान केंद्रित
उत्पादकता और रोजगार बढ़ाने के लिए नियामकीय जटिलताओं में कमी


आधुनिक नियामक प्रणाली (Modern Regulatory System) के लिए प्रमुख कदम

उच्च-स्तरीय नियामक सुधार समिति (High-Level Committee for Regulatory Reforms)
गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियमों, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा
नियामक जटिलताओं को कम कर ‘ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस’ को बढ़ावा
एक वर्ष के भीतर सिफारिशें प्रस्तुत करने का लक्ष्य

राज्यों के लिए निवेश-अनुकूलता सूचकांक (Investment Friendliness Index of States)
2025 में लॉन्च
राज्यों में प्रतिस्पर्धात्मक सहकारी संघवाद (Competitive Cooperative Federalism) को बढ़ावा

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) मैकेनिज्म
वित्तीय नियमों के प्रभाव का आकलन
वित्तीय क्षेत्र की उत्तरदायित्व और विकास को बढ़ावा

जन विश्वास विधेयक 2.0 (Jan Vishwas Bill 2.0)
100+ कानूनी प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज़ किया जाएगा
व्यवसाय करने की सुगमता (Ease of Doing Business) में सुधार


केंद्रीय बजट 2025-26: राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation)

केंद्रीय बजट 2025-26 सरकार की राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है। इसका उद्देश्य राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को घटाना और केंद्र सरकार के ऋण (Debt) को दीर्घकालिक रूप से स्थायी बनाए रखना है।


📉 राजकोषीय घाटे के लक्ष्य (Fiscal Deficit Targets)

संशोधित अनुमान (RE) 2024-25: GDP का 4.8%
बजट अनुमान (BE) 2025-26: GDP का 4.4%


📊 संशोधित अनुमान (Revised Estimates – RE) 2024-25

🔹 कुल प्राप्तियां (उधारी को छोड़कर): ₹31.47 लाख करोड़
🔹 शुद्ध कर प्राप्तियां: ₹25.57 लाख करोड़
🔹 कुल व्यय (Total Expenditure): ₹47.16 लाख करोड़
🔹 पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure): ₹10.18 लाख करोड़


📊 बजट अनुमान (Budget Estimates – BE) 2025-26

🔹 कुल प्राप्तियां (उधारी को छोड़कर): ₹34.96 लाख करोड़
🔹 शुद्ध कर प्राप्तियां: ₹28.37 लाख करोड़
🔹 कुल व्यय (Total Expenditure): ₹50.65 लाख करोड़


केंद्रीय बजट 2025-26: अन्य मुख्य बिंदु


💰 मध्यम वर्ग के लिए कर राहत और आयकर सुधार

नए कर स्लैब और दरें: नए टैक्स सिस्टम में ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।
सैलरीड कर्मचारियों के लिए राहत: ₹12.75 लाख तक की वार्षिक आय वालों को ₹75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद कोई टैक्स नहीं देना होगा।
सरकार पर प्रभाव: नए कर ढांचे से ₹1 लाख करोड़ के राजस्व घाटे का अनुमान।


📑 TDS/TCS सरलीकरण

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत: ब्याज पर कर कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख
किराए पर TDS छूट: ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख प्रति वर्ष।
TCS संग्रह सीमा: ₹10 लाख तक बढ़ाई गई।
TCS भुगतान में देरी अब अपराध नहीं होगी, TDS के समान।


📝 कर अनुपालन में सुधार और प्रोत्साहन

अपडेटेड रिटर्न फाइलिंग: 2 साल से बढ़ाकर 4 साल
छोटे धर्मार्थ ट्रस्टों के लिए पंजीकरण: 5 साल से बढ़ाकर 10 साल
दो स्व-निवासित संपत्तियों का वार्षिक मूल्य: बिना किसी शर्त के शून्य घोषित किया जा सकता है।
राष्ट्रीय बचत योजना (NSS) और NPS वत्सल्या खातों की निकासी: कर-मुक्त।


🚀 व्यापार सुगमता और निवेश प्रोत्साहन

अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए नई योजना: ब्लॉक पीरियड 3 साल के लिए कर स्थिरता सुनिश्चित करेगा।
गैर-निवासियों के लिए अनुमानित कराधान: भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण कंपनियों को सेवाएं देने वालों पर लागू।
टन भार कर लाभ (Tonnage Tax Benefits): अंतर्देशीय जहाजों (Inland Vessels) के लिए विस्तारित।
स्टार्टअप्स को बढ़ावा: पंजीकरण अवधि 5 साल तक बढ़ाई गई
सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड निवेश की समयसीमा: मार्च 31, 2030 तक बढ़ाई गई।


📦 सीमा शुल्क सुधार और व्यापार संवर्धन

औद्योगिक शुल्क सरलीकरण: सात अलग-अलग शुल्क हटाए गए, प्रत्येक श्रेणी के लिए एकल अधिभार लागू।
स्वास्थ्य सेवा और आवश्यक दवाएं:

  • 36 कैंसर, दुर्लभ और पुरानी बीमारियों की दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) पूरी तरह से माफ
  • 37 अतिरिक्त दवाएं और 13 पेशेंट असिस्टेंस प्रोग्राम की दवाएं भी छूट में शामिल।

🏭 घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा

25 महत्वपूर्ण खनिज (कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी अपशिष्ट, सीसा, जस्ता आदि) पर BCD पूर्णतः समाप्त
टेक्सटाइल सेक्टर:

  • दो और शटल-लेस लूम्स पर BCD छूट।
  • बुने हुए कपड़ों पर BCD बढ़ाकर 20% या ₹115/kg (जो भी अधिक हो)
    इलेक्ट्रॉनिक्स और ‘मेक इन इंडिया’:
  • इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (IFPDs) पर BCD बढ़ाकर 20%
  • ओपन सेल्स पर BCD 5%; ओपन सेल्स के पार्ट्स पूरी तरह कर-मुक्त।
  • लिथियम-आयन बैटरी निर्माण: EVs के लिए 35 पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल बैटरियों के लिए 28 वस्तुओं पर छूट
    जहाज निर्माण उद्योग (Shipbuilding Industry): कच्चे माल पर BCD छूट 10 और वर्षों के लिए बढ़ाई गई

🌍 निर्यात संवर्धन उपाय

हस्तशिल्प निर्यात को BCD छूट
चमड़ा उद्योग को समर्थन:

  • Wet Blue Leather पर BCD पूरी तरह समाप्त, जिससे मूल्य संवर्धन और रोजगार बढ़ेगा।
    मछली पालन निर्यात सहायता:
  • फ्रोजन फिश पेस्ट पर BCD 30% से घटाकर 5%
  • झींगा/मछली आहार के लिए फिश हाइड्रोलाइजेट पर BCD 15% से घटाकर 5%

🔹 निष्कर्ष

📌 मध्यम वर्ग को कर में राहत, जिससे उनकी क्रय शक्ति और बचत बढ़ेगी।
📌 MSME, स्टार्टअप और घरेलू विनिर्माण को समर्थन, जिससे नौकरियों में वृद्धि होगी।
📌 निर्यात बढ़ाने के लिए प्रमुख सुधार, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
📌 व्यापार और निवेश के लिए सरल नियम, जिससे भारत Ease of Doing Business में आगे बढ़ेगा।

📢 केंद्रीय बजट 2025-26 देश के समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने वाला बजट है। 🚀