प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) और केंद्रीय सलाहकार समिति की बैठक:
हालिया घटनाक्रम
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) को अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए लागू किया है। इस योजना से जुड़ी केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य योजना की प्रगति की समीक्षा, इसके कार्यान्वयन में सुधार और भविष्य की नीतियों पर चर्चा करना था।
1. पीएम-अजय योजना का परिचय
प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) को अनुसूचित जाति के लोगों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है। इस योजना में मुख्य रूप से आर्थिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे का विकास और सामाजिक उत्थान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
मुख्य उद्देश्य:
- अनुसूचित जातियों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, जैसे कि सड़कें, सामुदायिक केंद्र, पेयजल, स्वच्छता, आवास आदि।
- शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
- स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं को बेहतर बनाना।
- महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन को मजबूत करना।
2. केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक: प्रमुख बिंदु
केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई:
(A) योजना की प्रगति की समीक्षा
- अब तक योजना के अंतर्गत कितने लाभार्थियों को सहायता मिली है, इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
- उन राज्यों और जिलों की पहचान की गई, जहां इस योजना के क्रियान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।
- फंडिंग और बजट आवंटन पर चर्चा हुई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी लक्षित लाभार्थियों तक सहायता पहुंचे।
(B) प्रमुख सुधार और आगामी रणनीति
- डिजिटल पारदर्शिता:
- लाभार्थियों की पहचान और योजनाओं के प्रभाव को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने की सिफारिश की गई।
- सरकारी पोर्टल पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने की बात कही गई।
- समावेशी विकास:
- अनुसूचित जाति समुदाय के कमजोर वर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया।
- अधिक से अधिक स्वरोजगार और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की रणनीति बनाई गई।
- राज्यों की भागीदारी बढ़ाना:
- राज्यों को अधिक अधिकार और फंडिंग देने पर चर्चा की गई, जिससे वे स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर सकें।
- स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता:
- अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में अधिक स्कूल, छात्रावास, कॉलेज और स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया।
- स्कॉलरशिप और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने पर सहमति बनी।
3. पीएम-अजय योजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
(A) सामाजिक प्रभाव:
- जातिगत भेदभाव को कम करने में मदद, क्योंकि यह योजना अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है।
- सामाजिक बुनियादी ढांचे में सुधार, जिससे पिछड़े क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- महिला और युवाओं के लिए नए अवसर, जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
(B) आर्थिक प्रभाव:
- आजीविका के नए साधन उपलब्ध होंगे, जिससे SC समुदाय के लोग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
- बेरोजगारी दर में कमी, क्योंकि इस योजना के तहत कौशल विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन, जिससे SC उद्यमियों को नया अवसर मिलेगा।
4. योजना की प्रमुख चुनौतियाँ और समाधान
चुनौती | संभावित समाधान |
---|---|
योजना का धीमा क्रियान्वयन | राज्यों और जिला प्रशासन को अधिक स्वायत्तता और बजट आवंटन बढ़ाना |
लाभार्थियों की पहचान में कठिनाई | डिजिटल डेटाबेस और आधार-लिंक्ड पहचान प्रणाली लागू करना |
भ्रष्टाचार और फंड के दुरुपयोग का खतरा | पारदर्शी मॉनिटरिंग सिस्टम और तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट |
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी | जागरूकता अभियान और पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम |
ज़रूरी भाग:
- अनुसूचित जाति बहुल गांवों का “आदर्श ग्राम” के रूप में विकास:
- महत्वपूर्ण अनुसूचित जाति आबादी वाले गांवों को सम्मानजनक जीवन के लिए आवश्यक बुनियादी सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के साथ आदर्श गांवों में बदलना।
- नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस घटक के अंतर्गत कुल 29,881 गांव शामिल किये गये हैं, जिनमें से 6,087 को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है।
- राज्यों/जिलों को सहायता अनुदान:
- व्यापक आजीविका परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास सहित अनुसूचित जाति समुदायों की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के उद्देश्य से परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- 3,242.07 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है, जिससे 850,611 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं।
- छात्रावासों का निर्माण/मरम्मत:
- अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में सहायता देने के लिए छात्रावासों का निर्माण और मरम्मत करना।
- वर्ष 2021-22 से अब तक 5,185 लाभार्थियों के लिए 126.30 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 46 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं।
- इस योजना का 100% वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। हालांकि, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश चाहें तो अपने संसाधनों से अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के लिए स्वतंत्र हैं।
निष्कर्ष और आगे की राह
प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) भारत में अनुसूचित जाति समुदाय के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस योजना के प्रभाव को और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भविष्य के लिए अपेक्षित कदम:
- योजना के क्रियान्वयन की गति को तेज करना
- डिजिटल निगरानी और पारदर्शिता को मजबूत बनाना
- अनुसूचित जाति समुदाय की आवश्यकताओं के अनुसार अधिक केंद्रित योजनाएँ बनाना
- स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना
यदि इन सुझावों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो PM-AJAY भारत में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
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