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चर्चा में क्यों –
हाल के तेलंगाना में घटनाओं ने पैंगोलिन की तस्करी को लेकर चिंताओं को फिर से बढ़ा दिया है। यह एक निशाचर स्तनपायी है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। इन घटनाओं ने इसकी अवैध तस्करी के खिलाफ सतर्कता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।
पृष्ठभूमि:
ये जीव पूरी तरह से निशाचर होते हैं और खतरे की स्थिति में गोल-गोल लिपटकर खुद को शत्रुओं से बचाते हैं। हालांकि, यही रक्षा तंत्र उन्हें धीमा और एक बार दिखाई देने पर आसानी से पकड़ने योग्य बना देता है।
मुख्य बिंदु:
- पैंगोलिन की प्रजातियां:
- दुनिया भर में पैंगोलिन की आठ प्रजातियां हैं, जिनमें से चार अफ्रीका और चार एशिया में पाई जाती हैं।
- भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं:
- भारतीय पैंगोलिन (Manis crassicaudata)
- चीनी पैंगोलिन (Manis pentadactyla)
- भारतीय पैंगोलिन का वितरण:
- भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में पाए जाते हैं।
- भारत में इनका वितरण व्यापक है। ये आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं।
- संरक्षण और कानून:
- भारतीय और चीनी पैंगोलिन दोनों को भारत के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किया गया है।
- इनका शिकार, व्यापार, या उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है।
- 2017 से, सभी पैंगोलिन प्रजातियां CITES (अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लुप्तप्राय प्रजातियों के सम्मेलन) के परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध हैं, जो उनके व्यावसायिक व्यापार पर रोक लगाती हैं।
- IUCN रेड लिस्ट में:
- चीनी पैंगोलिन को ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ (Critically Endangered) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- भारतीय पैंगोलिन को ‘संकटग्रस्त’ (Endangered) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- भारतीय और चीनी पैंगोलिन दोनों को भारत के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किया गया है।
- पैंगोलिन के विशेष गुण:
- ये एकमात्र ज्ञात स्तनधारी हैं जिनकी त्वचा पर बड़े केराटिन शल्क (scales) होते हैं।
- ये दांतहीन होते हैं।
- स्वभाव से शर्मीले और कम भोजन की आवश्यकता वाले होते हैं।
- इनका मुख्य आहार चींटियां, दीमक, उनके अंडे और लार्वा होते हैं।
- इनकी गंध पहचानने की क्षमता असाधारण होती है, लेकिन दृष्टि और सुनने की क्षमता कमजोर होती है।
- तस्करी और मांग:
- पैंगोलिन दुनिया में सबसे अधिक तस्करी किए जाने वाले स्तनपायी हैं।
- इनकी मांस और शल्क की मांग मुख्य रूप से एशिया में है और अब यह अफ्रीका में भी बढ़ रही है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में इनके उत्पादों (विशेषकर चमड़े का उपयोग जूतों, बैग और बेल्ट के लिए) की मांग देखी गई है।
- महत्त्व:
- पैंगोलिन “पारिस्थितिकी तंत्र इंजीनियर” (ecosystem engineers) हैं, जो अपने बिल खोदने के व्यवहार से मिट्टी के जैविक पदार्थ का संचलन, नमी और वायु संचार को बढ़ाते हैं।
- इनके द्वारा बनाए गए बिल उनके पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रजातियों के लिए आश्रय का काम करते हैं।
आज का प्रैक्टिस प्रश्न
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