चर्चा में क्यों? (Why in News?)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा से पहले, तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।
- इस प्रस्ताव में कच्चथीवु द्वीप को भारत को पुनः प्राप्त करने हेतु केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की माँग की गई है।
कच्चथीवु द्वीप का इतिहास (Historical Background)
• कच्चथीवु, रामेश्वरम और जाफना (श्रीलंका) के बीच स्थित एक छोटा निर्जन द्वीप है।
• 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए समझौते के तहत भारत ने यह द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था।
• यह समझौता “इंदिरा गांधी – श्रीमावो बंडारनायके समझौता” के नाम से भी जाना जाता है।
• समझौते के तहत भारतीय मछुआरों को द्वीप के तट पर आवागमन और धार्मिक गतिविधियों (संत एंथनी चर्च के दर्शन) की अनुमति दी गई थी।
विवाद का कारण (Cause of Dispute)
• तमिलनाडु के मछुआरों का आरोप है कि श्रीलंकाई नौसेना उन्हें कच्चथीवु के पास मछली पकड़ने से रोकती है।
• श्रीलंका का दावा है कि यह द्वीप उसकी संप्रभुता का हिस्सा है और भारतीय मछुआरों की गतिविधियाँ अवैध हैं।
• भारत सरकार का कहना है कि यह संप्रभुता का विषय नहीं, बल्कि मत्स्य क्षेत्र विवाद है।
वर्तमान स्थिति (Current Scenario)
• तमिलनाडु सरकार केंद्र से कच्चथीवु को पुनः भारत में शामिल करने की माँग कर रही है।
• भारत सरकार ने अब तक द्वीप की वापसी के संबंध में कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं शुरू की है।
• यह मुद्दा भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों में संवेदनशील और रणनीतिक महत्व रखता है।
भारत-श्रीलंका मछुआरा विवाद
- भारतीय मछुआरे, विशेषकर तमिलनाडु से, अक्सर कच्चतीवू (Katchatheevu) के आसपास के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने जाते हैं।
- श्रीलंकाई नौसेना ऐसे मामलों में भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लेती है, यह आरोप लगाकर कि वे श्रीलंकाई जलसीमा में अवैध रूप से मछली पकड़ रहे हैं।
- तमिलनाडु के मछुआरे कच्चतीवू क्षेत्र में पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकार का दावा करते हैं।
- श्रीलंका सरकार का तर्क है कि इस क्षेत्र में मछली की संख्या घट रही है, और भारतीय मछुआरों की गतिविधियाँ समुद्री सीमा का उल्लंघन हैं।
धार्मिक महत्त्व
- कच्चतीवू द्वीप पर स्थित “सेंट एंथोनी चर्च” धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- यहाँ हर वर्ष कैथोलिक उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें भारत और श्रीलंका दोनों देशों के तीर्थयात्री शामिल होते हैं।
- यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक माना जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
- कच्चथीवु द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच भू-राजनीतिक और समुद्री विवाद का केंद्र है।
- यह न केवल तमिल मछुआरों की आजीविका से जुड़ा है, बल्कि राष्ट्रीय हितों और समुद्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण है।
- इस विषय में कूटनीतिक प्रयासों और क्षेत्रीय सहमति की आवश्यकता है।
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु (UPSC Exam Relevant Points)
• कच्चथीवु द्वीप – भारत और श्रीलंका के बीच विवादित द्वीप।
• 1974 समझौता – भारत ने द्वीप श्रीलंका को सौंपा।
• तमिल मछुआरों की समस्याएँ – मछली पकड़ने में अवरोध।
• सुरक्षा और कूटनीति से जुड़ा मुद्दा।
• तमिलनाडु विधानसभा का हालिया प्रस्ताव – द्वीप को पुनः प्राप्त करने की माँग।
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