काशी-तमिल संगमम 2025: तीसरे संस्करण का विश्लेषण
घोषणा की तिथि: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने काशी-तमिल संगमम के तीसरे संस्करण का मुख्य विषय ‘ऋषि अगस्त्य’ घोषित किया। यह कार्यक्रम 14 फरवरी से 25 फरवरी, 2025 तक आयोजित होगा।
काशी-तमिल संगमम: परिचय
- काशी-तमिल संगमम क्या है?
- यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है जो काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करता है।
- इसका उद्देश्य भारत की “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” पहल को प्रोत्साहन देना है।
- प्रमुख उद्देश्य:
- उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को एक मंच पर लाना।
- दोनों क्षेत्रों की भाषा, परंपरा, शिक्षा और आध्यात्मिक विरासत का प्रचार-प्रसार।
2025 संस्करण का मुख्य विषय: ‘ऋषि अगस्त्य’
- ऋषि अगस्त्य का महत्व:
- ऋषि अगस्त्य को उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सेतु के रूप में माना जाता है।
- उन्हें तमिल साहित्य और संस्कृत साहित्य दोनों में समान रूप से आदर प्राप्त है।
- तमिल परंपरा के अनुसार, ऋषि अगस्त्य ने तमिल भाषा और साहित्य को संरक्षित और प्रचारित किया।
- प्रभाव:
- उत्तर भारत (काशी) और दक्षिण भारत (तमिलनाडु) की सांस्कृतिक जड़ों को और अधिक गहराई से समझने का अवसर।
- ऋषि अगस्त्य के योगदान को सम्मानित करना।
2025 संस्करण की मुख्य विशेषताएँ
- कार्यक्रम की अवधि:
- 14 फरवरी से 25 फरवरी, 2025।
- स्थान:
- काशी (वाराणसी)।
- प्रमुख आकर्षण:
- सांस्कृतिक प्रदर्शन (संगीत, नृत्य, नाटक)।
- शैक्षणिक संगोष्ठियाँ और सेमिनार।
- साहित्यिक कार्यक्रम और पुस्तक मेले।
- आध्यात्मिक प्रवचन और परंपरागत समारोह।
- शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी:
- आईआईटी, एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के छात्र और विद्वान।
- शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
- उद्योग और शिल्प:
- तमिलनाडु और उत्तर भारत के पारंपरिक हस्तशिल्प, कला और खानपान का प्रदर्शन।
काशी और तमिलनाडु के ऐतिहासिक संबंध
- धार्मिक संबंध:
- काशी और तमिलनाडु दोनों में शिव और विष्णु की आराधना की प्राचीन परंपरा है।
- काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग धार्मिक रूप से जुड़े हुए हैं।
- साहित्यिक और सांस्कृतिक संबंध:
- तमिल साहित्य में काशी को विशेष महत्व दिया गया है।
- ऋषि अगस्त्य ने संस्कृत और तमिल के बीच पुल का कार्य किया।
- आध्यात्मिकता:
- ऋषि अगस्त्य ने दक्षिण भारत में वेदों और योग परंपरा को स्थापित किया।
UPSC के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बिंदु
- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल:
- यह कार्यक्रम इस सरकारी पहल का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की विविध संस्कृतियों को एक साथ लाना है।
- संस्कृति और धरोहर:
- भारतीय संस्कृति में ऋषि अगस्त्य के योगदान पर प्रश्न आ सकते हैं।
- उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक संबंध।
- राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव:
- सांस्कृतिक कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देते हैं।
मुख्य बिंदु (Key Points)
- घोषणा: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा।
- कार्यक्रम का मुख्य विषय: ऋषि अगस्त्य।
- तारीखें: 14 से 25 फरवरी, 2025।
- स्थान: काशी (वाराणसी)।
- उद्देश्य: सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करना।
निष्कर्ष
काशी-तमिल संगमम का तीसरा संस्करण भारत की सांस्कृतिक एकता को प्रोत्साहित करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। ऋषि अगस्त्य के योगदान को सम्मानित करते हुए यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
तैयारी के लिए सुझाव:
- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल के अन्य कार्यक्रमों का अध्ययन करें।
- भारतीय संस्कृति और साहित्य में ऋषि अगस्त्य के योगदान का विश्लेषण करें।
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