समाचार में क्यों?
• इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की ग्रीन लिस्ट (Green List) में पश्चिम एशिया के चार नए संरक्षण स्थलों को जोड़ा गया है।
• यह सूची उन क्षेत्रों को मान्यता देती है जहाँ प्रभावी और न्यायसंगत संरक्षण प्रबंधन किया जा रहा है।
• इस सूची में शामिल स्थलों की संख्या में वृद्धि से वैश्विक जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को बल मिलेगा।
IUCN ग्रीन लिस्ट क्या है?
✔ यह IUCN द्वारा 2014 में शुरू की गई एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य संरक्षित और संरक्षित क्षेत्रों (Protected & Conserved Areas) का मूल्यांकन और मान्यता प्रदान करना है।
✔ इसका लक्ष्य सतत और प्रभावी संरक्षण प्रबंधन को बढ़ावा देना है।
✔ इस सूची में वे क्षेत्र शामिल किए जाते हैं जो IUCN Green List Standard के अनुसार संरक्षण और प्रबंधन के उच्चतम मानकों को पूरा करते हैं।
IUCN ग्रीन लिस्ट के मानदंड
किसी भी संरक्षित क्षेत्र को ग्रीन लिस्ट में शामिल होने के लिए चार प्रमुख मानदंडों को पूरा करना होता है:
- सतत संरक्षण (Sustainability): दीर्घकालिक जैव विविधता संरक्षण सुनिश्चित किया गया हो।
- प्रभावी प्रबंधन (Effective Management): वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीकों से संरक्षण किया जा रहा हो।
- न्यायसंगत शासन (Equitable Governance): स्थानीय समुदायों और हितधारकों की भागीदारी हो।
- सकारात्मक संरक्षण परिणाम (Positive Conservation Outcomes): जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ मिल रहा हो।
IUCN ग्रीन लिस्ट में कौन-कौन से क्षेत्र आते हैं?
• वर्तमान में 30 से अधिक देशों के कई राष्ट्रीय उद्यान, जैवमंडल रिजर्व और समुद्री संरक्षण क्षेत्र इस सूची में शामिल हैं।
• भारत में भी कुछ संरक्षित क्षेत्र इस सूची का हिस्सा हैं।
• हाल ही में पश्चिम एशिया के चार नए संरक्षण स्थल इसमें जोड़े गए हैं।
IUCN ग्रीन लिस्ट का महत्व
✔ वैश्विक जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करता है।
✔ संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन को पहचान दिलाता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है।
✔ स्थानीय समुदायों की भागीदारी और आजीविका को बढ़ावा देता है।
✔ संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है।
निष्कर्ष
• IUCN ग्रीन लिस्ट वैश्विक संरक्षण प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो सतत और प्रभावी संरक्षण प्रबंधन को प्रोत्साहित करती है।
• हाल के वर्षों में इसमें शामिल क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि जैव विविधता संरक्षण की दिशा में सकारात्मक संकेत है।
• भारत को भी अपने अधिक संरक्षित क्षेत्रों को इस सूची में शामिल कराने की दिशा में काम करना चाहिए।
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु
GS Paper 3 (पर्यावरण एवं जैव विविधता)
• IUCN और उसकी पहलें।
• ग्रीन लिस्ट का महत्व और प्रभाव।
• भारत के संरक्षित क्षेत्र और उनकी स्थिति।
• वैश्विक जैव विविधता संरक्षण प्रयास।
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