इज़राइल और हमास संघर्ष:
1. संघर्ष की पृष्ठभूमि: इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष 15 महीनों तक जारी रहा, जो गाजा पट्टी और इज़राइल के बीच एक गंभीर सैन्य टकराव था। इस संघर्ष का आरंभ 2023 में हुआ था, जब गाजा क्षेत्र में हमास के हमले के बाद इज़राइल ने गाजा में हवाई हमले शुरू किए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ गया, जिसमें भारी जनहानि और बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ। इस संघर्ष ने दुनिया भर में चिंता पैदा की, विशेषकर अरब देशों और पश्चिमी देशों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया।
2. संघर्ष का कारण: यह संघर्ष इज़राइल और फिलिस्तीनी राज्यों के बीच लम्बे समय से चली आ रही विवादों का परिणाम था, जिसमें मुख्य रूप से गाजा पट्टी में रहने वाले फिलिस्तीनियों की स्वतंत्रता, मानवाधिकार उल्लंघन, और इज़राइल की सैन्य नीतियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, जेरूसलम को लेकर विवाद भी संघर्ष का एक अहम कारण है, क्योंकि दोनों पक्ष इसे अपनी राजधानी मानते हैं।
3. वर्तमान संघर्ष (2024-2025): इस संघर्ष के दौरान, इज़राइल की सैन्य कार्रवाई ने गाजा में लाखों लोगों को बेघर किया और भारी नुकसानों का सामना करना पड़ा। इस युद्ध में गाजा क्षेत्र की सैकड़ों इमारतें नष्ट हो गईं, और इसने मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने बार-बार संघर्ष को रोकने के लिए आह्वान किया था।
4. संघर्षविराम (Ceasefire): अंततः, 2025 के पहले महीने में, एक संघर्षविराम पर सहमति बनी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाई रोकने का वादा किया। इस संघर्षविराम का मुख्य उद्देश्य मानवीय मदद की आपूर्ति सुनिश्चित करना था, क्योंकि गाजा में भुखमरी और चिकित्सा संकट गंभीर हो गया था। इस संघर्षविराम की मध्यस्थता में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के देशों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हालांकि, यह संघर्षविराम स्थायी समाधान नहीं है, और दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति स्थापित करने के लिए अधिक बातचीत और राजनैतिक समाधान की आवश्यकता है। गाजा में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया भी धीरे-धीरे शुरू हो रही है, लेकिन इसमें कई राजनीतिक और आर्थिक रुकावटें हैं।
5. वर्तमान घटनाएँ: संघर्षविराम के बाद, दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने का वादा किया, लेकिन गाजा में स्थिति अभी भी नाजुक है। संघर्षविराम के बाद, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण की मांग कर रहे हैं, जबकि इज़राइल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखे हुए है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खासकर यूरोपीय संघ और अमेरिका, इस संघर्षविराम को शांति प्रक्रिया की ओर एक कदम मान रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि केवल संघर्षविराम से स्थिति स्थिर नहीं होगी और शांति के लिए सभी पक्षों को बातचीत करनी होगी।
संभावित UPSC प्रश्न (Prelims और Mains):
Prelims:
- संघर्षविराम (Ceasefire) को लागू करने में कौन-कौन सी प्रमुख चुनौतियाँ हो सकती हैं?
- (a) सैन्य बुनियादी ढांचा
- (b) अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप
- (c) स्थानीय राजनीतिक परिस्थितियाँ
- (d) उपरोक्त सभी
- हमास संगठन के बारे में सही कथन कौन सा है?
- (a) यह एक लोकतांत्रिक चुनावी पार्टी है।
- (b) यह एक आतंकवादी संगठन है जिसे इज़राइल और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित किया गया है।
- (c) यह फिलिस्तीन में मान्यता प्राप्त सरकारी संगठन है।
- (d) यह एक शांति दूत के रूप में कार्य करता है।
Mains:
- इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष के मानवीय, राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव पर चर्चा करें।
- (a) मानवीय संकट और विस्थापन
- (b) अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति और शांति प्रयास
- (c) आर्थिक पुनर्निर्माण की चुनौती
- संघर्षविराम के बाद, इज़राइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करें।
- (a) विवाद समाधान के तंत्र
- (b) क्षेत्रीय सहयोग और मध्यस्थता
- (c) मानवाधिकारों की रक्षा
3. मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका पर चर्चा करें।
- (a) संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका
- (b) क्षेत्रीय शक्तियों के बीच सहयोग
- (c) मानवाधिकार और न्याय सुनिश्चित करना
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