अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

भारत में बुनियादी ढाँचे का विकास ( infrastructure development in india ) – Upsc Current Affairs

infrastructure development in india

भारत में बुनियादी ढाँचे का विकास:

बुनियादी ढाँचे का विकास किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसमें परिवहन, ऊर्जा, शहरी विकास, जल आपूर्ति, और डिजिटल अवसंरचना जैसी सुविधाएँ शामिल होती हैं। भारत सरकार लगातार इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही है ताकि देश को एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में विकसित किया जा सके। इस विश्लेषण में हम बजट 2025-26 में घोषित बुनियादी ढाँचे से संबंधित पहल, वर्तमान स्थिति, इसकी परिभाषा, और आगे की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बजट 2025-26 में बुनियादी ढाँचे के लिए प्रमुख घोषणाएँ

  1. बुनियादी ढाँचे के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि – सरकार ने बुनियादी ढाँचे के विकास को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसका उद्देश्य सड़कों, रेलवे, और शहरी विकास परियोजनाओं में निवेश बढ़ाना है।
  2. परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना – बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए मौजूदा सरकारी परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण किया जाएगा, जिससे धन जुटाया जा सकेगा।
  3. जल जीवन मिशन – ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस मिशन को विस्तारित किया गया है।
  4. राज्यों को दीर्घकालिक ऋण – राज्यों को बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए ब्याज-मुक्त दीर्घकालिक ऋण दिया जाएगा, जिससे वे अपनी बुनियादी सुविधाओं का विकास कर सकें।
  5. ग्रीन एनर्जी और टिकाऊ अवसंरचना – नवीकरणीय ऊर्जा, हरित भवन, और पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं में निवेश को प्राथमिकता दी गई है।
  6. परिवहन अवसंरचना का विस्तार – राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे, और हवाई अड्डों के विस्तार के लिए बड़ी पूंजीगत राशि आवंटित की गई है।
  7. मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन – शहरी क्षेत्रों में मेट्रो और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) के विस्तार के लिए नए प्रोजेक्ट प्रस्तावित किए गए हैं।

भारत में बुनियादी ढाँचे के विकास की वर्तमान स्थिति

1. परिवहन अवसंरचना

  • भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्कों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में हाईवे और एक्सप्रेसवे का तेजी से विकास हुआ है।
  • रेलवे क्षेत्र में, नई उच्च गति रेल परियोजनाओं और सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों का विस्तार किया जा रहा है।
  • हवाई अड्डों के विकास में तेजी आई है, और कई टियर-2 और टियर-3 शहरों में हवाई संपर्क बढ़ाया गया है।

2. ऊर्जा क्षेत्र

  • भारत तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है।
  • थर्मल और हाइड्रो पावर परियोजनाओं को भी पर्याप्त समर्थन दिया जा रहा है।
  • विद्युत ट्रांसमिशन और वितरण में सुधार के लिए कई स्मार्ट ग्रिड परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं।

3. शहरी विकास और स्मार्ट सिटी परियोजनाएँ

  • स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई शहरों में बुनियादी सुविधाओं का आधुनिकीकरण किया गया है।
  • नगर निगमों को बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जा रही है।
  • टिकाऊ और स्मार्ट शहरी परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

4. डिजिटल अवसंरचना

  • डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देशभर में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है।
  • 5G नेटवर्क का विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
  • डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए सरकार नई पहलों की योजना बना रही है।

बुनियादी ढाँचे की परिभाषा

बुनियादी ढाँचा किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यह विभिन्न प्रकार की भौतिक और संगठनात्मक सुविधाओं को दर्शाता है, जो सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इसमें निम्नलिखित प्रमुख घटक शामिल हैं:

  1. परिवहन – सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डे, और बंदरगाह।
  2. ऊर्जा – बिजली उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क।
  3. जल आपूर्ति और स्वच्छता – पेयजल आपूर्ति, सीवेज प्रबंधन, और जल संरक्षण।
  4. संचार – दूरसंचार, इंटरनेट नेटवर्क, और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी।
  5. शहरी विकास – स्मार्ट सिटी, आवासीय और व्यावसायिक अवसंरचना, और सार्वजनिक परिवहन।

आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिये सरकार की पहल क्या हैं?

  • PM गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP): NMP में 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।
  • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति: वर्ल्ड बैंक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में भारत की रैंकिंग वर्ष 2018 के 44वें स्थान से 6 स्थान सुधरकर वर्ष 2023 में 139 देशों में 38वें स्थान पर पहुँच गई है।
  • भारतमाला परियोजना: नवंबर, 2024 तक परियोजना के तहत कुल 18,926 किलोमीटर सड़कें पूरी हो चुकी हैं।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना: वर्ष 2024-25 में 7,71,950 कि.मी सड़कें पूरी हुईं।
  • क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS)- उड़ान: अब तक 619 RCS मार्गों पर परिचालन शुरू हो चुका है, जो 13 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डों सहित 88 हवाई अड्डों को आपस में जोड़ता हैं।

आगे की राह

भारत के बुनियादी ढाँचे के विकास को और अधिक सशक्त बनाने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना आवश्यक है:

  1. निजी निवेश को बढ़ावा – सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है ताकि निजी क्षेत्र की भागीदारी से परियोजनाओं को गति मिले।
  2. तेजी से परियोजनाओं का क्रियान्वयन – कई बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ समय पर पूरी नहीं होती हैं। इसके लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और तेज़ करना आवश्यक है।
  3. हरित और सतत बुनियादी ढाँचा – पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीकों और टिकाऊ विकास पर अधिक ध्यान देना होगा।
  4. रोजगार और कौशल विकास – बुनियादी ढाँचे से जुड़े कार्यों में कुशल श्रमिकों की माँग को पूरा करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
  5. स्थानीय और क्षेत्रीय योजना का समावेश – बुनियादी ढाँचा योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ स्थानीय और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भी विकसित करने की जरूरत है।

निष्कर्ष

भारत में बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है, और सरकार द्वारा नए निवेश और योजनाएँ लाने से इस क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। बजट 2025-26 में की गई घोषणाएँ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। अगर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र मिलकर प्रभावी नीतियों के साथ आगे बढ़ते हैं, तो भारत अगले दशक में विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित कर सकता है, जो आर्थिक विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *