अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण (India’s Semiconductor Manufacturing)

समाचार में क्यों?

भारत 2025 में पहली बार स्वदेशी रूप से निर्मित सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च करने के लिए तैयार है।
• यह पहल भारत की आत्मनिर्भर चिप निर्माण नीति (Semiconductor Mission) का हिस्सा है, जिससे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकेगा।


सेमीकंडक्टर क्या होते हैं?

• सेमीकंडक्टर ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत चालकता धातुओं और अर्धचालकों के बीच होती है।
• ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कार, रक्षा प्रणालियों और चिकित्सा उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं।
सिलिकॉन सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला सेमीकंडक्टर पदार्थ है।


भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की स्थिति

• भारत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में मजबूत है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग (Fabrication) में पिछड़ा हुआ है।
• अब तक, भारत अधिकांश सेमीकंडक्टर आयात करता था, जिससे आपूर्ति शृंखला बाधित होने पर समस्या होती थी।
• भारत सरकार सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की PLI (Production Linked Incentive) योजना लेकर आई है।


सेमीकंडक्टर निर्माण के प्रमुख केंद्र

1. सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission – ISM)

• 2021 में भारत सरकार ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) शुरू किया।
• इसका लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजाइन का वैश्विक केंद्र बनाना है।
• इसके तहत FAB (Fabrication), OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं।

2. महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स

प्रोजेक्टराज्यकंपनी
माइक्रोन टेक्नोलॉजीगुजरातमाइक्रोन + भारत सरकार
वेदांता-फॉक्सकॉनगुजरातवेदांता + फॉक्सकॉन
ISMC (Intel-Tower)कर्नाटकIntel + Tower Semiconductor
TATA Electronicsतमिलनाडुटाटा समूह

सेमीकंडक्टर निर्माण क्यों महत्वपूर्ण है?

कारणमहत्व
आर्थिक आत्मनिर्भरतासेमीकंडक्टर उत्पादन से भारत आयात पर निर्भरता कम करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षारक्षा और संचार उपकरणों में स्वदेशी चिप्स आवश्यक हैं।
विनिर्माण उद्योग को बढ़ावाइलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती मिलेगी।
वैश्विक सप्लाई चेन में स्थानचीन और ताइवान पर निर्भरता कम होगी।

भारत के लिए संभावित चुनौतियाँ

चुनौतीसंभावित समाधान
उच्च लागतसरकार द्वारा अधिक वित्तीय सहायता और PLI योजनाओं का विस्तार।
तकनीकी विशेषज्ञता की कमीसेमीकंडक्टर विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र स्थापित करना।
वैश्विक प्रतिस्पर्धाअमेरिका, चीन और ताइवान से प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक निवेश आकर्षित करना।

निष्कर्ष

भारत का सेमीकंडक्टर निर्माण 2025 से देश को आत्मनिर्भर बनाने और डिजिटल युग में मजबूती देने के लिए एक बड़ा कदम है।
इससे आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
यदि भारत इन चुनौतियों को पार कर लेता है, तो वह दुनिया के प्रमुख सेमीकंडक्टर निर्माताओं में शामिल हो सकता है।


यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु

GS Paper 3 (अर्थव्यवस्था और विज्ञान-प्रौद्योगिकी)

• भारत का सेमीकंडक्टर मिशन।
• उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना।
• आत्मनिर्भर भारत अभियान और विनिर्माण क्षेत्र।

GS Paper 2 (सरकारी नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय संबंध)

• सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला और वैश्विक व्यापार।
• भारत-ताइवान सेमीकंडक्टर साझेदारी।
• राष्ट्रीय सुरक्षा में सेमीकंडक्टर की भूमिका।


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