भारत का 76वाँ गणतंत्र दिवस:
दिनांक: 26 जनवरी 2025
मुख्य अतिथि: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो
76वें गणतंत्र दिवस का महत्व
- इतिहास में प्रमुख:
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना। 2025 में 76वाँ गणतंत्र दिवस भारत के संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की गहराई को दर्शाता है। - विशेषता:
76वाँ गणतंत्र दिवस, “अमृत काल” (भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक की यात्रा) के अंतर्गत मनाया गया, जिसमें विकास और वैश्विक नेतृत्व पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
- प्रमुख झलकियाँ:
- राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर परेड:
- भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की शक्ति और आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन।
- स्वदेशी हथियार प्रणाली जैसे अर्जुन टैंक, तेजस फाइटर जेट, और अग्नि मिसाइल प्रदर्शित किए गए।
- महिला अधिकारियों ने प्रमुख स्थानों पर परेड का नेतृत्व किया।
- झाँकियाँ:
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विकास योजनाओं को प्रस्तुत किया।
- हरियाणा की झाँकी में महिला सशक्तिकरण और हरित क्रांति को प्रदर्शित किया गया।
- पूर्वोत्तर भारत की झाँकी ने जैव विविधता और पारंपरिक शिल्प को उजागर किया।
- राष्ट्रीय थीम:
- 2025 की थीम थी: “सतत विकास और हरित भविष्य”।
- नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन से निपटने और हरित प्रौद्योगिकी पर विशेष जोर।
- राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर परेड:
- अंतर्राष्ट्रीय मेहमान:
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि थे।
- यह भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते सामरिक और आर्थिक सहयोग का प्रतीक है।
- राष्ट्रपति प्रबोवो ने भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम्” (विश्व एक परिवार है) की अवधारणा की सराहना की।
- राष्ट्रपति का संबोधन:
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में:
- “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” पर जोर दिया।
- भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता, नवीकरणीय ऊर्जा और हरित विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में:
- सांस्कृतिक प्रदर्शन:
- 1200 से अधिक छात्रों ने पारंपरिक और आधुनिक नृत्य प्रस्तुत किए।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
- वायुसेना का फ्लाई-पास्ट:
- वायुसेना के 50 से अधिक विमानों ने फ्लाई-पास्ट किया।
- नए शामिल किए गए रफाल और तेजस लड़ाकू विमानों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
- सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने तिरंगे का अद्भुत प्रदर्शन किया।
76वें गणतंत्र दिवस की उपलब्धियाँ और संदेश
- सामरिक और रक्षा क्षेत्र में उन्नति:
- स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ भारत की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में बढ़ते कदमों को दर्शाती हैं।
- समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका।
- वैश्विक नेतृत्व:
- भारत की G20 अध्यक्षता और वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को रेखांकित किया गया।
- “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” का संदेश भारत की समावेशी दृष्टि को दर्शाता है।
- हरित ऊर्जा और सतत विकास:
- हरित ऊर्जा पर बढ़ते निवेश और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों को उजागर किया गया।
- भारत का 2070 तक “नेट-जीरो” लक्ष्य।
- महिला सशक्तिकरण:
- परेड में महिला अधिकारियों और महिला झाँकियों की भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण को नई ऊँचाई दी।
चुनौतियाँ और आगे का मार्ग
- आर्थिक असमानता:
- आर्थिक असमानता को दूर करने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता।
- जलवायु परिवर्तन:
- सतत विकास के लक्ष्यों को तेजी से लागू करने की चुनौती।
- सामरिक चुनौतियाँ:
- हिंद महासागर क्षेत्र और भारत-चीन सीमा पर तनाव।
निष्कर्ष
76वाँ गणतंत्र दिवस भारत की विविधता, शक्ति, और प्रगति का प्रतीक था। यह दिन हमें हमारे संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं को याद दिलाता है। भारत अपनी विकास यात्रा में न केवल आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति में भी नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है।
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