भारत और कुवैत ने संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाया
भारत और कुवैत ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए इसे ‘रणनीतिक साझेदारी’ में बदल दिया है। इस साझेदारी के तहत व्यापार और रक्षा सहयोग को उनके रिश्तों के प्रमुख स्तंभ के रूप में चिन्हित किया गया है।
संदर्भ:
भारत और कुवैत ने अपने संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर उन्नत किया है और संकेत दिया है कि व्यापार और रक्षा सहयोग उनके संबंधों के प्रमुख स्तंभ होंगे।
पृष्ठभूमि:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कुवैत के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। इससे पहले 1981 में इंदिरा गांधी कुवैत जाने वाली अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री थीं।
मुख्य बिंदु
रक्षा सहयोग
दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को एक व्यापक समझौते के माध्यम से संस्थागत रूप दिया। इसमें शामिल हैं:
- प्रशिक्षण।
- कर्मियों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान।
- संयुक्त अभ्यास।
- रक्षा उपकरणों की आपूर्ति।
- अनुसंधान और विकास में सहयोग।
अन्य क्षेत्रों में सहयोग
रक्षा के अलावा, तीन अन्य समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जो निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे:
- खेल।
- संस्कृति।
- सौर ऊर्जा।
भारत-GCC सहयोग
भारत ने खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के साथ अपने सहयोग को गहरा करने में गहरी रुचि दिखाई। कुवैत इस प्रभावशाली समूह की अध्यक्षता कर रहा है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, और कतर शामिल हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में GCC देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमेरिकी डॉलर था। दोनों पक्षों ने भारत-GCC मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के शीघ्र निष्कर्ष पर जोर दिया।
भारत-कुवैत संबंध
- कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर का था।
- भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समूह बनाता है।
Leave a Reply