भारत -ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (इंड-ऑस ईसीटीए) ने सफलता के दो वर्ष पूरे किए। यह पारस्परिक विकास को बढ़ावा देता है और दोनों अर्थव्यवस्थाओं की पूरकता को दर्शाता है। इंड-ऑस ईसीटीए ने व्यापार संबंधों को बहुत आगे बढ़ाया है, दोनों देशों में एमएसएमई, व्यवसायों और रोजगार के लिए नए अवसर पैदा किए हैं और साथ ही उनकी आर्थिक साझेदारी की नींव को मजबूत किया है। अपने तीसरे वर्ष में, भारत सरकार भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के माननीय प्रधान मंत्री के विज़न 2047 को साकार करने के लिए आपसी समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मजबूत सहयोग और अभिनव पहलों के माध्यम से इस गति को बनाए रखने के लिए समर्पित है।
- इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार दोगुना से भी अधिक हो गया है। यह 2020-21 में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। हालाँकि, कुल व्यापार वर्ष 2023-24 में घटकर 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 14% बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में भी मजबूती देखने को मिल रही है। अप्रैल-नवंबर 2024 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार 16.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- दोनों देशों के बीच तरजीही आयात डेटा का आदान-प्रदान शुरू हो गया है जो 2023 में समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन को इंगित करता है। डेटा से पता चलता है कि निर्यात उपयोग 79% और आयात उपयोग 84% है।
- कपड़ा, रसायन और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त वृद्धि हुई है जबकि हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट सहित नई लाइनों पर निर्यात समझौते द्वारा विविधता को दर्शाता है। धातु अयस्कों, कपास, लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों जैसे आवश्यक कच्चे माल के आयात ने भारत के उद्योगों को बढ़ावा दिया है। यह साझेदारी में बराबरी को दर्शाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में वृद्धि की संभावना है।
- इस सफलता के आधार पर, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) में अब प्रगति हो रही है। इसमें अब तक 10 औपचारिक दौर और अंतर-सत्रीय चर्चाएँ हो चुकी हैं। सीईसीए, ईसीटीए द्वारा रखी गई नींव पर आधारित है। यह द्विपक्षीय व्यापार एजेंडे को और भी अधिक महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ाता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए पर हाल ही में 4 से 6 दिसंबर 2024 तक नई दिल्ली में एक समीक्षा की गई। इसमें प्रगति का आकलन किया गया और आगे का रास्ता तय किया गया।
- दोनों पक्ष ईसीटीए द्वारा हुई प्रगति को आगे बढ़ाने, गहन आर्थिक एकीकरण को आगे बढ़ाने और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक व्यापार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया साथ मिलकर अपनी आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, आपसी समृद्धि को बढ़ावा देने और अधिक लचीली और गतिशील वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए तैयार हैं।
अन्य जानकारी
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement – ECTA) की सफलता के दो वर्ष पूरे होना दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह समझौता 29 दिसंबर 2021 को हस्ताक्षरित हुआ था और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना था।
इस समझौते की कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
1. व्यापार में वृद्धि:
- दोनों देशों के बीच व्यापारिक वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
- कृषि, खनिज, शिक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाया गया।
2. शून्य शुल्क वाली वस्तुएं:
- समझौते के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 85% से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क को समाप्त किया गया या इसे धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना बनाई गई।
- इससे कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, और औद्योगिक उत्पादों के व्यापार में तेजी आई।
3. निवेश को बढ़ावा:
- ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय बाजारों में निवेश को बढ़ावा दिया, विशेष रूप से खनन, शिक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में।
- भारतीय कंपनियों ने भी ऑस्ट्रेलिया में आईटी और स्टार्टअप्स के माध्यम से अपनी उपस्थिति मजबूत की।
4. रोजगार और अवसर:
- समझौते ने दोनों देशों के लिए रोजगार और नए व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न किया।
- ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए भी व्यापारिक और करियर अवसरों में वृद्धि हुई।
5. सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध:
- शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग बढ़ा। ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के दाखिलों में वृद्धि देखी गई।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हुए।
भविष्य की संभावनाएं:
- दोनों देश अब मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) को और व्यापक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
- अक्षय ऊर्जा, पर्यटन, और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की योजना है।
यह समझौता भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार में भी एक उदाहरण पेश करता है।
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