अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

इंडोनेशिया का माउंट इबू में भूगर्भिक गतिविधि ( Geological activity at Mount Ibu in Indonesia )

प्रसंग

इंडोनेशिया का माउंट इबू इस महीने कम से कम 1,000 बार फट चुका है। यह घटनाक्रम क्षेत्रीय भूगर्भीय गतिविधियों में वृद्धि का संकेत है। इस दौरान हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी हैं। माउंट इबू की इस सक्रियता ने न केवल स्थानीय क्षेत्र बल्कि वैश्विक पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभावों को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।


माउंट इबू के बारे में जानकारी

  • स्थान: माउंट इबू इंडोनेशिया के मालुकु द्वीप समूह (Halmahera Island) पर स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
  • ऊंचाई: लगभग 1,325 मीटर।
  • प्रमुख विशेषता: यह एक स्ट्रेटोवोल्कैनो (Stratovolcano) है, जो परतों में लावा, राख और पिघले हुए पत्थरों के जमाव से बना होता है।
  • हाल की गतिविधि: माउंट इबू पिछले कई वर्षों से सक्रिय है और समय-समय पर विस्फोट करता रहा है।

ज्वालामुखी विस्फोट के कारण और प्रभाव

कारण:

  1. ज्वालामुखीय गतिविधि:
    • इंडोनेशिया “रिंग ऑफ फायर” का हिस्सा है, जो दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्र है।
    • प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण उप-डक्शन ज़ोन (Subduction Zones) में ज्वालामुखीय विस्फोट होते हैं।
  2. भूगर्भीय अस्थिरता:
    • इंडोनेशिया में प्रशांत प्लेट, यूरेशियन प्लेट और इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट का आपस में टकराव।
    • इस प्रक्रिया के दौरान मैग्मा सतह पर आ जाता है।

प्रभाव:

  1. स्थानीय प्रभाव:
    • जीवन और संपत्ति का नुकसान: विस्फोट के कारण राख और लावा के प्रवाह से लोगों की जान-माल को खतरा।
    • स्वास्थ्य प्रभाव: ज्वालामुखीय राख में मौजूद गैसें (जैसे सल्फर डाइऑक्साइड) श्वसन समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
    • आर्थिक नुकसान: कृषि और स्थानीय उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव।
  2. वैश्विक प्रभाव:
    • वायुमंडलीय प्रभाव: राख और गैसें वायुमंडल में पहुंचकर वैश्विक तापमान को प्रभावित कर सकती हैं।
    • पर्यावरणीय नुकसान: विस्फोट से आसपास के पारिस्थितिक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

राहत और बचाव कार्य

  1. निकासी:
    • ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
  2. मॉनिटरिंग सिस्टम:
    • इंडोनेशिया की ज्वालामुखी और भूभौतिकी एजेंसी (PVMBG) द्वारा विस्फोट की निगरानी।
    • चेतावनी प्रणाली में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग।
  3. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
    • अन्य देशों और संस्थाओं से सहायता।
    • वैज्ञानिक अध्ययन और वैश्विक सतर्कता।


समाधान और नीति सुझाव

  1. आपदा प्रबंधन में सुधार:
    • बेहतर चेतावनी प्रणाली और आपदा प्रबंधन तंत्र।
    • निकासी योजनाओं को सुदृढ़ करना।
  2. वैश्विक सहयोग:
    • ज्वालामुखी गतिविधियों पर वैज्ञानिक अनुसंधान।
    • संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग।
  3. शिक्षा और जागरूकता:
    • स्थानीय समुदायों को आपदा से संबंधित जागरूकता प्रदान करना।
    • बचाव और राहत कार्यों में नागरिक भागीदारी।
  4. तकनीकी निवेश:
    • सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम।
    • ज्वालामुखी पूर्वानुमान मॉडल का विकास।

निष्कर्ष:

माउंट इबू की सक्रियता इंडोनेशिया और वैश्विक पर्यावरणीय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। यह घटना न केवल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारियों को जांचती है, बल्कि वैश्विक सहयोग और तकनीकी निवेश की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। ज्वालामुखीय गतिविधियों से निपटने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

UPSC के दृष्टिकोण से संभावित प्रश्न

1. प्रीलिम्स के लिए संभावित प्रश्न

  1. माउंट इबू किस देश में स्थित है?
    • उत्तर: इंडोनेशिया।
  2. “रिंग ऑफ फायर” का क्या अर्थ है?
    • उत्तर: प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र।
  3. स्ट्रेटोवोल्कैनो क्या है?
    • उत्तर: एक प्रकार का ज्वालामुखी जो परतों में लावा, राख और अन्य पदार्थों से बना होता है।
  4. इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी गतिविधि क्यों होती है?
    • उत्तर: यह क्षेत्र प्रशांत, यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट के उप-डक्शन ज़ोन पर स्थित है।

2. मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  1. प्रश्न: ज्वालामुखी विस्फोट के वैश्विक पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभावों का आकलन कीजिए।
  2. प्रश्न: आपदा प्रबंधन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीक की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
  3. प्रश्न: “रिंग ऑफ फायर” की भूमिका के संदर्भ में इंडोनेशिया की भूगर्भीय सक्रियता का विश्लेषण कीजिए।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *