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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा GDP अनुमान 2024-25: UPSC

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GDP estimates by National Statistical Office (NSO) 2024-25 : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा GDP अनुमान 2024-25 : Important Article For UPSC CSE Exam 2025 – Prelims Subject – Economics

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा GDP अनुमान:

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 2024-25 के लिए भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं। इस अनुमान के अनुसार, भारत का GDP इस वर्ष 6.5% बढ़ने का अनुमान है। यह अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति, विकास दर, और सरकारी नीति के प्रभाव को समझने में मदद करता है। इस विषय के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

Key Points:

  1. GDP वृद्धि अनुमान:
    • NSO के अनुसार, 2024-25 के दौरान भारत का GDP 6.5% बढ़ने का अनुमान है।
    • यह वृद्धि मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित होगी, जबकि कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि का अनुमान है।
  2. सेवा क्षेत्र की भूमिका:
    • सेवा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बना रहेगा, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, और टूरिज़्म का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।
    • ये क्षेत्र विदेशी निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  3. कृषि और विनिर्माण क्षेत्र का योगदान:
    • कृषि क्षेत्र में 3.5% की वृद्धि का अनुमान है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले कम है, लेकिन यह असमान वर्षा और मौसम से प्रभावित हो सकता है।
    • विनिर्माण क्षेत्र में भी धीमी वृद्धि का अनुमान है, जिसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला संकट और उच्च लागत के कारण चुनौती मिल रही है।
  4. खपत और निवेश के पहलू:
    • निजी खपत, जो भारतीय GDP का महत्वपूर्ण हिस्सा है, उच्च स्तर पर बनी रहने की उम्मीद है, जबकि निवेश में धीरे-धीरे सुधार देखा जा सकता है।
    • सरकारी खर्चे और विकासात्मक योजनाओं के तहत निवेश से GDP वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
  5. महत्वपूर्ण चुनौती – मुद्रास्फीति:
    • उच्च मुद्रास्फीति और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, जिससे खर्च और निवेश पर दबाव बढ़ सकता है।
    • RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा उच्च ब्याज दरों के कारण निजी निवेश में कमी आ सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है।
  6. आर्थिक नीति और सुधार:
    • सरकारी नीतियां, जैसे आधारभूत ढांचे में निवेश, कर सुधार, और नौकरी सृजन योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ने की उम्मीद है।
    • सरकार की योजनाओं का उद्देश्य भारत को अगले कुछ वर्षों में $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में गति देना है।

समग्र विश्लेषण:

भारत के GDP वृद्धि अनुमान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से उबरने के बाद स्थिरता की ओर बढ़ रही है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां बनी हुई हैं। वृद्धि की प्रमुख धारा सेवा क्षेत्र से आ रही है, जबकि कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में कुछ धीमापन देखा जा रहा है। यह अनुमान न केवल मौजूदा आर्थिक स्थिति को समझने में मदद करता है, बल्कि भविष्य के विकास के रास्ते को भी प्रकट करता है। इस अनुमान का प्रभाव नीति निर्माण, विदेशी निवेश और आर्थिक सुधारों पर पड़ेगा।

UPSC संबंधित पहलू:

  • यह विषय भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों के अंतर्गत आता है।
  • UPSC के आर्थ‍िक विकास, सरकारी योजनाओं और आर्थिक सुधारों पर आधारित प्रश्नों के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है।
  • सांख्यिकी और विकास दर के आँकड़े UPSC की सामान्य अध्ययन और मूल्यांकन के लिए उपयोगी हैं।

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