अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 – UPSC PRELIMS BASED CURRENT AFFAIRS

UPSC PRELIMS BASED CURRENT AFFAIRS

‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ का विश्लेषण: करेंट अफेयर्स के संदर्भ में

विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ में वैश्विक रोजगार परिदृश्य में बड़े बदलावों का अनुमान लगाया गया है। यह रिपोर्ट रोजगार सृजन, कौशल की आवश्यकता और कार्यस्थल में स्वचालन के प्रभावों को समझने का एक व्यापक दृष्टिकोण देती है। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह रिपोर्ट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था रोजगार-संवेदनशील है।


प्रमुख बिंदु: ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’

1. तकनीकी बदलावों का प्रभाव

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्वचालन:
    • AI, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स के कारण कई पारंपरिक नौकरियां खतरे में हैं।
    • लेकिन नई तकनीकों के साथ डेटा विश्लेषण, क्लाउड कंप्यूटिंग, और सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उभर रहे हैं।
    • भारत जैसे देशों में आईटी और स्टार्टअप सेक्टर इस ट्रेंड का नेतृत्व कर रहे हैं।
  • भारत का परिप्रेक्ष्य:
    • भारत में डिजिटल इंडिया और AI आधारित योजनाओं के तहत इस क्षेत्र में तेजी से रोजगार का सृजन हो रहा है।
    • 2023 में, भारत में AI आधारित नौकरियों में 25% से अधिक वृद्धि देखी गई।

2. हरित अर्थव्यवस्था और रोजगार

  • हरित प्रौद्योगिकी का महत्व:
    • सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में रोजगार तेजी से बढ़ रहा है।
    • जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करते हुए हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • भारत में योगदान:
    • भारत की ‘नेशनल सोलर मिशन’ और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने वाली योजनाएं हरित रोजगार सृजन के बड़े स्रोत बन रही हैं।
    • टाटा, महिंद्रा और अडानी जैसे बड़े समूह नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं, जिससे लाखों रोजगार बनने की संभावना है।

3. स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र का उदय

  • COVID-19 के प्रभाव:
    • स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरियों की मांग बढ़ी है।
    • नर्सिंग, डॉक्टरों और हेल्थ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अवसर तेजी से बढ़े हैं।
  • भारत में स्थिति:
    • आयुष्मान भारत योजना और स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के प्रयासों ने इस क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा दिया है।

4. पारंपरिक नौकरियों में गिरावट

  • स्वचालन और डिजिटलाइजेशन का प्रभाव:
    • डेटा एंट्री, बैंक कैशियर, और टेलीकॉलर जैसे क्षेत्रों में नौकरियां घट रही हैं।
    • मैनुअल कार्य अब मशीनों और सॉफ्टवेयर से प्रतिस्थापित हो रहे हैं।
  • भारत का संदर्भ:
    • बैंकिंग क्षेत्र में UPI और डिजिटल भुगतान के कारण कैशियर और टेलर की नौकरियां प्रभावित हो रही हैं।
    • हालांकि, डिजिटल भुगतान सेवाओं से संबंधित क्षेत्रों में नए अवसर बन रहे हैं।

भारत में रोजगार का वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की तैयारी

1. स्किल डेवलपमेंट पर जोर

  • भारत सरकार की ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)’ युवाओं को तकनीकी और डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित कर रही है।
  • वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2030 तक 50% से अधिक नौकरियां नई तकनीकों पर आधारित होंगी।

2. स्टार्टअप इकोसिस्टम का योगदान

  • भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम, विशेषकर फिनटेक और एडटेक क्षेत्रों में, रोजगार सृजन का बड़ा केंद्र बन चुका है।
  • 2023 में, भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स ने लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न किए।

3. शिक्षा और अनुसंधान में निवेश

  • नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • AI और डेटा साइंस जैसे पाठ्यक्रम भारतीय विश्वविद्यालयों में प्राथमिकता बन चुके हैं।

चुनौतियाँ और समाधान

1. कौशल अंतराल (Skill Gap):

  • तेजी से बदलती तकनीकों के कारण पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में सिखाए जाने वाले कौशल और उद्योग की जरूरतों के बीच बड़ा अंतर है।
  • समाधान:
    • व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और डिजिटल शिक्षा पर ध्यान देना।

2. स्वचालन से नौकरियों का नुकसान:

  • कम कुशल श्रमिकों की नौकरियों पर स्वचालन का सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
  • समाधान:
    • श्रमिकों को अपस्किल और रिस्किलिंग के लिए प्रशिक्षित करना।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार:

  • भारत में रोजगार के अवसर शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अवसर सीमित हैं।
  • समाधान:
    • ग्रामीण क्षेत्रों में MSMEs और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ यह स्पष्ट करती है कि रोजगार का भविष्य तेजी से बदल रहा है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह अवसर और चुनौतियों का संगम है।

  • तकनीकी और हरित क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को भुनाने के लिए कौशल विकास और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है।
  • नीतिगत प्रयासों और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ, भारत न केवल इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बिठा सकता है, बल्कि उन्हें रोजगार सृजन का माध्यम भी बना सकता है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *