चुनाव (Elections)
1.1. एक साथ चुनाव (Simultaneous Election)
सुझावों में क्या?
हाल ही में, सरकार ने पूरे देश में एक साथ चुनाव यानी “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के लिए लोकसभा में “129वां संविधान संशोधन विधेयक, 2024” पेश किया। विधि आयोग समिति एवं उच्च स्तरीय समिति द्वारा इसे सुझाया गया।
129वां संविधान संशोधन विधेयक, 2024 के मुख्य प्रावधान
संविधान में एक नया अनुच्छेद 82A जोड़ा जाएगा:
- एक साथ चुनाव: नए अनुच्छेद के अनुसार भारतीय निर्वाचन आयोग लोकसभा और सभी राज्य विधान सभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराएगा।
- विधान सभा चुनाव का समय: सभी विधान सभाओं का कार्यकाल लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल के साथ समानता में आएगा।
- अनिश्चितकालीन अवधि (Unexpired Period): यदि चुनाव असामयिक रूप से पूर्व में हो जाएं, तो चुनाव के परिणाम का असर अगले लोकसभा चुनाव तक सीमित रहेगा।
- अस्थायी अवधी: यदि कोई सरकार 5 वर्ष के पहले गिरती है, तो सभी राज्य विधानसभाओं की स्थिति एक निश्चित समय तक बनी रहेगी।
- मध्यावधि चुनाव: लोकसभा विघटन के बाद मध्यावधि चुनाव होंगे और नई लोकसभा के गठन की तिथि से उसका कार्यकाल पूर्ण कार्यकाल के रूप में गिना जाएगा।
- अनुच्छेद 172 में संशोधन: यह नया अनुच्छेद राज्य विधान सभाओं के लिए अस्थायी अवधि एवं पूर्ण कार्यकाल को परिभाषित करता है।
- अनुच्छेद 327 में संशोधन: यह विधानसभाओं के चुनावों के संबंध में संसद को नियम बनाने की शक्ति प्रदान करेगा।
एक साथ चुनाव के पक्ष में:
- परिभाषा: एक साथ चुनाव का अर्थ है कि भारत में लोकसभा, राज्य विधान सभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक ही समय पर कराए जाएं, जिससे प्रत्येक मतदाता को एक ही दिन मतदान करने का अवसर मिले।
- पहले से प्रचलित:
- भारत में 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए गए थे।
- 1968-69 में कई राज्य विधानसभाएं भंग हो गईं, जिससे यह प्रणाली बाधित हो गई।
एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट्स/आयोग
रिपोर्ट/आयोग | वर्ष |
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भारत के विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट | 1999 |
संविधान के कामकाज की समीक्षा करने के लिए आयोग | 2002 |
संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट | 2015 |
2017 में नीति आयोग का कार्यपत्र | 2017 |
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