DAILY CURRENT AFFAIRS IN HINDI FOR UPSC IAS – Prelims And Mains Examination 2025 | 14 April 2025 – UPSC PRELIMS POINTER Fact Based Current Affairs.
DAILY Current Affairs Analysis For UPSC Pre And Mains Examination
Daily Archiveफावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान में आग ( Phawngpui National Park Fire ) : जैव विविधता पर संकट
फावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान में आग: जैव विविधता पर संकट
Phawngpui National Park Fire: A Threat to Biodiversity
चर्चा में क्यों? | Why in News?
मिज़ोरम के फावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान (Phawngpui National Park) में भीषण आग लगने से लगभग 1/9वां हिस्सा प्रभावित हुआ। यह आग आर्चुआंग गाँव (Archhuang Village) के पास की गई झूम खेती (Slash-and-Burn Cultivation) से फैली। इस घटना से उद्यान की जैव विविधता (Biodiversity) पर गंभीर असर पड़ा है।
फावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान का परिचय | About Phawngpui National Park
• स्थान (Location): चिमटुइपुई जिला, मिज़ोरम
• विशेषता (Specialty): यह मिज़ोरम का सबसे ऊँचा पर्वत “ब्लू माउंटेन” के नाम से प्रसिद्ध है।
• जैव विविधता (Biodiversity): यहाँ कई दुर्लभ वनस्पतियाँ और जीव प्रजातियाँ (Rare Flora and Fauna) पाई जाती हैं।
झूम खेती और आग | Jhum Cultivation and Forest Fires
• झूम खेती (Jhum Cultivation) = पेड़ों को काटकर जलाना (Slash and Burn Method)
• यह पारंपरिक आदिवासी खेती पद्धति है लेकिन इससे वनाग्नि (Forest Fire) का खतरा बना रहता है।
• सूखा मौसम और तेज़ हवा आग के फैलाव में सहायक बने।
प्रभाव और जोखिम | Impact and Risks
• वन्यजीव विस्थापन (Displacement of Wildlife)
• वनस्पति क्षति (Damage to Vegetation)
• पर्यावरण असंतुलन (Environmental Imbalance)
• पर्यटन क्षेत्र प्रभावित (Tourism Impacted)
सरकारी प्रयास | Government Response
• मिज़ोरम सरकार द्वारा फायर ब्रिगेड और स्थानीय समुदायों की मदद से आग बुझाने का प्रयास।
• क्षति का आंकलन एवं भविष्य की रोकथाम के लिए निगरानी बढ़ाने की योजना।
महत्वपूर्ण शब्दावली | Key Terms with Notes
शब्द (Term) | अर्थ (Meaning) |
---|---|
जैव विविधता (Biodiversity) | विभिन्न जीवों और वनस्पतियों की प्रजातियों की विविधता। |
झूम खेती (Jhum Cultivation) | परंपरागत खेती पद्धति जिसमें जंगल काटकर और जलाकर खेती की जाती है। |
वनाग्नि (Forest Fire) | जंगलों में लगने वाली प्राकृतिक या मानवीय कारणों से फैली आग। |
विस्थापन (Displacement) | प्राकृतिक आपदा या संकट के कारण जीवों का निवास स्थान बदलना। |
प्रश्नोत्तर (FAQ) | Frequently Asked Questions
Q1. फावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?
उत्तर: यह मिज़ोरम के चिमटुइपुई जिले में स्थित है और राज्य का सबसे ऊँचा पर्वत “ब्लू माउंटेन” इसमें आता है।
Q2. आग कैसे लगी?
उत्तर: आग की शुरुआत झूम खेती (Slash-and-Burn) के कारण हुई जो पास के आर्चुआंग गाँव में की गई थी।
Q3. इस आग से कौन-कौन प्रभावित हुए?
उत्तर: वन्यजीव, दुर्लभ वनस्पतियाँ, पर्यावरण और पर्यटन क्षेत्र इस आग से प्रभावित हुए हैं।
Q4. सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
उत्तर: आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों को लगाया गया। नुकसान का मूल्यांकन किया जा रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी।
Q5. यह घटना UPSC के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह घटना पर्यावरणीय असंतुलन, पारंपरिक खेती प्रणाली और संरक्षण नीति जैसे विषयों से जुड़ी है, जो UPSC के GS पेपर-3 और पर्यावरण खंड में सीधे संबंधित है।
📌 SUMMARY BOX (सारांश बॉक्स)
घटना: मिज़ोरम के फावंगपुई राष्ट्रीय उद्यान में भीषण आग
स्थान: चिमटुइपुई जिला, मिज़ोरम
कारण: झूम खेती (Slash-and-Burn Cultivation)
प्रभावित क्षेत्र: पार्क का लगभग 1/9वां हिस्सा
प्रभाव:
• जैव विविधता को नुकसान
• वन्यजीवों का विस्थापन
• पर्यावरणीय असंतुलन
• पर्यटन पर प्रतिकूल असर
सरकारी प्रतिक्रिया:
• फायर ब्रिगेड तैनात
• स्थानीय लोगों की मदद
• निगरानी और रोकथाम के उपाय
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (India-Middle East-Europe Economic Corridor ): वैश्विक व्यापार में भारत की रणनीतिक भूमिका
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC): वैश्विक व्यापार में भारत की रणनीतिक भूमिका
India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEEC)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और इटली ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) पर मिलकर कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह वैश्विक स्तर पर भारत की भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है।

IMEEC क्या है?
India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEEC) एक बहु-राष्ट्रीय विकासशील आर्थिक गलियारा है, जिसका उद्देश्य भारत, खाड़ी देशों (विशेष रूप से यूएई और सऊदी अरब) तथा यूरोप के बीच व्यापार, परिवहन और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है।
IMEEC की प्रमुख विशेषताएँ:
घटक | विवरण |
---|---|
रेल और बंदरगाह कनेक्टिविटी | पश्चिमी भारत से शुरू होकर मिडिल ईस्ट और फिर यूरोप तक माल की तेज़ आवाजाही |
डिजिटल कनेक्टिविटी | उच्च गति की डेटा केबल लिंक की योजना |
ऊर्जा ट्रांज़मिशन | हरित ऊर्जा (ग्रीन हाइड्रोजन) का निर्यात |
लॉजिस्टिक कुशलता | पारंपरिक मार्ग की तुलना में तेज़ और अधिक किफायती |
IMEEC का मार्ग: (Note)
भारत (मुंबई) → UAE (जबल अली, अबू धाबी) → सऊदी अरब → जॉर्डन → इस्राइल (हैफा) → यूरोप (ग्रीस/इटली/जर्मनी)
प्रमुख साझेदार देश:
• भारत
• संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
• सऊदी अरब
• जॉर्डन
• इस्राइल
• यूरोपीय देश (विशेषकर ग्रीस और इटली)
• अमेरिका (रणनीतिक समर्थन के रूप में)
IMEEC की आवश्यकता क्यों?
• चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प तैयार करना
• भारत की एक्ट वेस्ट पॉलिसी को सशक्त बनाना
• यूरोप के साथ व्यापार बढ़ाना
• मध्य एशिया और खाड़ी देशों में रणनीतिक उपस्थिति
• विश्व आपूर्ति शृंखला (Supply Chain) को मजबूत करना
भारत के लिए लाभ:
क्षेत्र | लाभ |
---|---|
भू-आर्थिक | भारत को वैश्विक व्यापार में निर्णायक भूमिका |
रणनीतिक | चीन के BRI का जवाब और भारत की सॉफ्ट पावर में वृद्धि |
बुनियादी ढांचा | रेल, बंदरगाह और डिजिटल नेटवर्क का विकास |
रोजगार | घरेलू निर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में वृद्धि |
चीन के BRI और IMEEC में अंतर: (Table)
तत्व | BRI (चीन) | IMEEC (भारत + सहयोगी) |
---|---|---|
नेतृत्व | चीन द्वारा संचालित | बहुपक्षीय सहयोग |
उद्देश्य | चीन का वर्चस्व | सहयोग आधारित वैश्विक कनेक्टिविटी |
पारदर्शिता | कम | अधिक पारदर्शी और वैध प्रक्रियाएँ |
आलोचना | ऋण-जाल कूटनीति | सहभागिता और संतुलन पर बल |
चुनौतियाँ:
• राजनीतिक अस्थिरता (मिडिल ईस्ट में)
• परियोजना की भारी लागत और समयबद्धता
• समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा खतरे
• सहभागियों के बीच समन्वय
UPSC परीक्षा प्रासंगिक बिंदु:
• IMEEC बनाम BRI
• भारत की विदेशी व्यापार नीति
• वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका
• भारत-यूरोप, भारत-मिडिल ईस्ट संबंध
• बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक रणनीति
निष्कर्ष:
IMEEC भारत की वैश्विक शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा को दर्शाने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल भारत की अर्थव्यवस्था और रणनीतिक पहुंच को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापार के लिए भी एक विश्वसनीय और वैकल्पिक मार्ग के रूप में उभर सकता है।
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