अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

Daily Current Affairs For UPSC IAS | 08 March 2025

DAILY CURRENT AFFAIRS IN HINDI FOR UPSC IAS – Prelims And Mains Examination 2025 | 08 March 2025 – UPSC PRELIMS POINTER Fact Based Current Affairs.

DAILY Current Affairs Analysis For UPSC Pre And Mains Examination

Daily Archive

IndiaAI Mission और AIKosha: भारत के AI विकास में नया अध्याय

IndiaAI Mission और AIKosha: भारत के AI विकास में नया अध्याय

समाचार में क्यों?

• केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने IndiaAI Mission की वर्षगांठ के अवसर पर कई प्रमुख पहल शुरू कीं।
• इनमें सबसे महत्वपूर्ण AIKosha: IndiaAI Datasets Platform है, जो भारत के AI विकास और शोध को गति देने में मदद करेगा।


IndiaAI Mission क्या है?

IndiaAI Mission भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ावा देना है।
• इस मिशन के तहत AI अनुसंधान, नवाचार और व्यावसायिक उपयोग को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
• यह डिजिटल इंडिया मिशन का एक हिस्सा है और AI को सुशासन, आर्थिक विकास, और नागरिक सेवाओं में एकीकृत करने का प्रयास करता है।


AIKosha: IndiaAI Datasets Platform क्या है?

AIKosha एक राष्ट्रीय डेटा सेट प्लेटफॉर्म है, जिसे AI अनुसंधान और विकास को समर्थन देने के लिए विकसित किया गया है।
यह एक केंद्रीकृत डेटा भंडार (Centralized Repository) प्रदान करता है, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स, शोधकर्ता और उद्योग जगत AI मॉडल को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण डेटा तक पहुंच बना सकें।
मुख्य उद्देश्य:

  • AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना।
  • AI मॉडल के प्रशिक्षण के लिए उच्च-गुणवत्ता वाला डेटा प्रदान करना।
  • AI डेटा सुरक्षा और नैतिकता को सुनिश्चित करना।

IndiaAI Mission की प्रमुख पहलें

IndiaAI Compute: उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधनों का विकास।
IndiaAI Innovation Center: AI स्टार्टअप्स और अनुसंधान को बढ़ावा देना।
IndiaAI FutureSkills: AI क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रम।
IndiaAI Datasets (AIKosha): AI अनुसंधान के लिए डेटा प्लेटफॉर्म।
IndiaAI Startup Financing: भारतीय AI स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता।


भारत में AI विकास का महत्व

आर्थिक वृद्धि: AI भारतीय अर्थव्यवस्था में 500 अरब डॉलर से अधिक का योगदान दे सकता है।
रोजगार सृजन: AI और ऑटोमेशन नई नौकरियों और स्किल अपग्रेडेशन के अवसर ला सकते हैं।
नवाचार को बढ़ावा: भारतीय AI स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद।
सार्वजनिक सेवाओं में सुधार: AI का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और कानून-व्यवस्था में किया जा सकता है।


निष्कर्ष:

IndiaAI Mission और AIKosha भारत में AI विकास की गति को तेज करने और देश को एक वैश्विक AI हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहलें हैं।
यह मिशन AI अनुसंधान, नवाचार और औद्योगिक उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) को भी सुनिश्चित करता है।


यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु

GS Paper 3:

• विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विकास।
• डिजिटल इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
• स्टार्टअप्स और नवाचार नीति।
• डेटा सुरक्षा और AI नैतिकता।

GS Paper 2:

• सुशासन और प्रौद्योगिकी का उपयोग।
• डिजिटल इंडिया मिशन और सरकारी नीतियाँ।
• AI नियमन और कानूनी पहलू।

Blue Ghost Mission 1: निजी कंपनी द्वारा चंद्रमा पर सफल लैंडिंग

समाचार में क्यों?

अमेरिकी कंपनी Firefly Aerospace ने अपनी Blue Ghost Mission 1 के तहत रविवार को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग की।
• यह दूसरी निजी मिशन है जिसने चंद्रमा पर उतरने में सफलता प्राप्त की और पहली जिसने सीधा (upright) लैंडिंग की।
• यह मिशन नासा के वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS – Commercial Lunar Payload Services) कार्यक्रम का हिस्सा है।


Blue Ghost Mission 1 क्या है?

Firefly Aerospace द्वारा विकसित यह एक रोबोटिक लैंडर मिशन है, जो चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक उपकरण और प्रौद्योगिकीय प्रयोग भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।
• इसका उद्देश्य चंद्रमा पर संसाधनों का अध्ययन, सतह की परिस्थितियों का विश्लेषण और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए डेटा एकत्र करना है।
• यह मिशन नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Program) को भी समर्थन देता है।


मिशन के प्रमुख उद्देश्य

चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को संचालित करना।
चंद्रमा की सतह की संरचना और पर्यावरणीय परिस्थितियों का अध्ययन।
भविष्य के मानव मिशनों के लिए प्रौद्योगिकी परीक्षण।
अंतरिक्ष में वाणिज्यिक कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देना।


निजी कंपनियों द्वारा चंद्रमा मिशन का महत्व

सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों पर निर्भरता को कम करना।
अंतरिक्ष अन्वेषण को अधिक लागत प्रभावी और कुशल बनाना।
अंतरिक्ष में व्यावसायिक गतिविधियों (Commercial Space Activities) को बढ़ावा देना।
चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के लिए आवश्यक तकनीकों का परीक्षण।

मुख्य निष्कर्ष

ब्लू घोस्ट मिशन की विशेषताएँ

  • ब्लू घोस्ट में कुल 10 उपकरण हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • चंद्र मिट्टी विश्लेषक (Lunar Soil Analyser)।
    • विकिरण-सहिष्णु कंप्यूटर (Radiation-Tolerant Computer)।
    • चंद्रमा पर वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली के उपयोग की परीक्षण प्रणाली

प्रमुख अवलोकन और अनुसंधान

  • ब्लू घोस्ट 14 पृथ्वी दिनों (एक चंद्र दिवस) तक काम करेगा
  • 14 मार्च को, यह सूर्यग्रहण की उच्च-गुणवत्ता वाली छवियाँ कैप्चर करेगा, जब पृथ्वी सूर्य को चंद्रमा के क्षितिज से ढक देगी।
  • 16 मार्च को, यह चंद्र सूर्यास्त रिकॉर्ड करेगा, जिससे पता चलेगा कि सौर प्रभाव के कारण धूल कैसे हवा में उठती है
    • इस घटना को पहली बार अपोलो 17 के अंतरिक्ष यात्री यूजीन सेर्नन ने देखा था, जिसे ‘लूनर होराइजन ग्लो’ कहा जाता है।

अंतरिक्ष में निजी कंपनियों की भागीदारी

  • ब्लू घोस्ट के बाद, 6 मार्च को ‘इंट्यूटिव मशीन IM-2’ मिशन उतरेगा, जिसमें एथेना लैंडर शामिल है।
  • फरवरी 2024 में, इंट्यूटिव मशीन पहली निजी कंपनी बनी जिसने सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की
    • यह अपोलो 17 (1972) के बाद पहली अमेरिकी लैंडिंग थी।
    • हालाँकि, लैंडर अधिक गति से उतरा और गिर गया, जिससे यह पर्याप्त सौर ऊर्जा उत्पन्न नहीं कर सका और मिशन जल्दी समाप्त हो गया

अब तक सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाले देश

  • इंट्यूटिव मशीन की सफलता से पहले, केवल 5 राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियाँ चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुकी थीं:
    1. सोवियत संघ
    2. संयुक्त राज्य अमेरिका
    3. चीन
    4. भारत
    5. जापान

यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु

GS Paper 3:

• अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान।
• अंतरिक्ष में निजी कंपनियों की भूमिका।
• नासा के CLPS और आर्टेमिस कार्यक्रम।
• वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण और भारत की भागीदारी।

GS Paper 2:

• अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अंतरिक्ष नीति।
• अंतरिक्ष कानून और वाणिज्यिक अंतरिक्ष अन्वेषण।

निष्कर्ष:

Blue Ghost Mission 1 अंतरिक्ष अन्वेषण में निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। यह मिशन चंद्रमा पर वैज्ञानिक अध्ययन, संसाधनों की खोज और भविष्य के मानव अभियानों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा। साथ ही, यह अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी और सरकारी संस्थानों के सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है।

तांत्रिक बौद्ध धर्म (Tantric Buddhism) और ओडिशा के रत्नागिरि में खोज

समाचार में क्यों?

• हाल ही में ओडिशा के रत्नागिरि में खुदाई के दौरान यह प्रमाण मिले हैं कि यह स्थान तांत्रिक बौद्ध धर्म (Tantric Buddhism) का एक प्रमुख केंद्र था।
• यह खोज बौद्ध धर्म के विकास, विशेष रूप से महायान और वज्रयान परंपराओं के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


तांत्रिक बौद्ध धर्म (Tantric Buddhism) क्या है?

• इसे वज्रयान (Vajrayana) बौद्ध धर्म भी कहा जाता है।
• यह बौद्ध धर्म की एक शाखा है, जो तंत्र, योग, ध्यान और मंत्रों पर आधारित है।
• इसमें बोधिसत्व, तांत्रिक अनुष्ठान, और दिव्य ऊर्जा (Esoteric Practices) पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
• यह मुख्य रूप से 8वीं शताब्दी के आसपास भारत, तिब्बत और नेपाल में लोकप्रिय हुआ।


रत्नागिरि और तांत्रिक बौद्ध धर्म

रत्नागिरि, उड़ीसा का एक प्राचीन बौद्ध स्थल है, जो 8वीं-12वीं शताब्दी के बीच बौद्ध शिक्षा और साधना का एक प्रमुख केंद्र था।
• खुदाई में यहाँ बोधिसत्व मूर्तियाँ, तांत्रिक अनुष्ठान से जुड़ी आकृतियाँ, स्तूप, और शिलालेख मिले हैं।
• यह स्थल नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों की तरह ही एक प्रमुख बौद्ध शिक्षण केंद्र था।
• यहाँ महायान और वज्रयान बौद्ध धर्म के अभ्यास के प्रमाण मिलते हैं।


तांत्रिक बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांत

गुप्त शिक्षाएँ (Esoteric Teachings) – यह बौद्ध धर्म की अन्य शाखाओं से अलग गूढ़ तंत्र पर आधारित है
मंत्र साधना (Mantra Chanting) – बौद्ध मंत्रों और अनुष्ठानों का प्रयोग आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
योग और ध्यान – विशेष रूप से तांत्रिक ध्यान को आत्मज्ञान प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।
दैवीय मूर्तियाँ और प्रतीक – तांत्रिक बौद्ध धर्म में तारा, पद्मसम्भव और अन्य देवताओं की पूजा की जाती है।


भारत में तांत्रिक बौद्ध धर्म का प्रभाव

बिहार और ओडिशा: नालंदा, विक्रमशिला, और रत्नागिरि जैसे स्थानों पर इसका केंद्र था।
तिब्बत: गुरु पद्मसंभव ने तांत्रिक बौद्ध धर्म को तिब्बत में प्रचारित किया, जिससे यह लामा परंपरा का आधार बना।
नेपाल और भूटान: यहाँ तांत्रिक बौद्ध धर्म के तत्व आज भी प्रचलित हैं।


यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु

GS Paper 1:

• भारतीय संस्कृति और धर्मों का विकास।
• बौद्ध धर्म का प्रभाव और उसके विभिन्न संप्रदाय।
• पुरातात्विक खोजें और उनका महत्व।

GS Paper 3:

• भारत की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण।
• पुरातत्व और ऐतिहासिक अनुसंधान।

निष्कर्ष:

रत्नागिरि में तांत्रिक बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष भारत के प्राचीन बौद्ध इतिहास की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इससे बौद्ध धर्म के वज्रयान स्वरूप और उसकी तांत्रिक परंपराओं को समझने में मदद मिलती है। यह खोज भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास के अध्ययन के लिए अत्यंत मूल्यवान है।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *