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संविधान संशोधन अधिनियम | Constitution Ammendment Act (1-105)

Constitution ammendment act 1 se lekar 105 tk

46. छियालीसवां संशोधन (1982):

पृष्ठभूमि:

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अधिकारों को लेकर।

मुख्य प्रावधान:

  1. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान और लाभ देने के लिए प्रावधान।

प्रभाव:

  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सामाजिक और आर्थिक लाभ मिला।

47. सैंतालीसवां संशोधन (1984):

पृष्ठभूमि:

उच्च न्यायालयों में न्यायधीशों की नियुक्ति और उनकी शक्तियों को लेकर।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका के भीतर स्वतंत्रता और पारदर्शिता बढ़ी।

48. अठतालीसवां संशोधन (1984):

पृष्ठभूमि:

Parliamentary election से जुड़े प्रावधानों को अद्यतन करना।

मुख्य प्रावधान:

  1. लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव।

प्रभाव:

  • चुनाव प्रक्रिया को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया गया।

49. उनचासवां संशोधन (1985):

पृष्ठभूमि:

चुनाव में सुधार लाने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. चुनाव में सशक्त सुधार।

प्रभाव:

  • चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया गया।

50. पचासवां संशोधन (1985):

पृष्ठभूमि:

सरकारी कर्मचारियों के लिए भर्ती और स्थानांतरण में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. सरकारी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार।

प्रभाव:

  • सरकारी कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता और निष्पक्षता में वृद्धि।

51. इक्यावनवां संशोधन (1987):

पृष्ठभूमि:

गोवा को भारतीय राज्य का दर्जा देने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. गोवा को राज्य का दर्जा।

प्रभाव:

  • गोवा को भारतीय संघ में राज्य का दर्जा मिला।

52. 52th संशोधन (1987):

पृष्ठभूमि:

पूर्वोत्तर राज्यों के प्रशासन में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. राज्य विधानसभा के अधिकारों में वृद्धि।

प्रभाव:

  • पूर्वोत्तर राज्यों की स्वायत्तता और प्रशासनिक क्षमता में सुधार।

53. तिरेपनवां संशोधन (1989):

पृष्ठभूमि:

शक्तिशाली न्यायिक प्रणाली को बनाने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायिक सुधारों की दिशा में कदम।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका के अधिकार को बढ़ाया गया।

54. चौवनवां संशोधन (1990):

पृष्ठभूमि:

राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. लोकसभा और राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व को संतुलित किया।

प्रभाव:

  • प्रतिनिधित्व की प्रक्रिया में सुधार।

55. पचपनवां संशोधन (1992):

पृष्ठभूमि:

पारliamentary seat निर्धारण और आरक्षण से संबंधित बदलाव।

मुख्य प्रावधान:

  1. राजनीतिक प्रतिनिधित्व में सुधार।

प्रभाव:

  • राजनीतिक प्रणाली में परिवर्तन और सुधार।

56. छप्पनवां संशोधन (1993):

पृष्ठभूमि:

संविधान के कुछ प्रावधानों को सुदृढ़ करने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. संविधान में छोटे संशोधन।

प्रभाव:

  • संवैधानिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ किया गया।


56. छप्पनवां संशोधन (1993):

पृष्ठभूमि:

संविधान में कुछ प्रशासनिक प्रावधानों और न्यायिक सुधारों के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. जिन व्यक्तियों को राजनीतिक और प्रशासनिक नियुक्तियों से जुड़े मामलों में उच्चतम न्यायालय में अपील का अधिकार नहीं था, उन्हें वह अधिकार प्रदान किया गया।
  2. संविधान के प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ किया।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका की शक्ति और स्वतंत्रता को सुदृढ़ किया गया।

57. सत्तावनवां संशोधन (1993):

पृष्ठभूमि:

केंद्र और राज्यों के बीच अधिकारों के वितरण में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. केंद्र और राज्यों के अधिकारों का पुनः निर्धारण किया गया।
  2. राज्य सरकारों के विशेष अधिकारों को नए दिशा-निर्देश दिए गए।

प्रभाव:

  • केंद्र और राज्यों के बीच संतुलन बढ़ाने के प्रयास किए गए।

58. अठ्ठावनवां संशोधन (1995):

पृष्ठभूमि:

न्यायिक प्रशासनिक ढांचे में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायपालिका में सुधार किए गए और उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के मामलों में नई प्रक्रिया शुरू की गई।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका के प्रभावी संचालन को बढ़ावा मिला।

59. उनसठवां संशोधन (1997):

पृष्ठभूमि:

आवश्यक सुधारों के लिए, विशेषकर संघीय व्यवस्था के तहत।

मुख्य प्रावधान:

  1. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारों के बीच विशेष प्रावधानों का समावेश किया गया।

प्रभाव:

  • राज्यों को केंद्र के मामलों में अधिक सहभागिता का अवसर मिला।

60. साठवां संशोधन (1997):

पृष्ठभूमि:

भारतीय संघ की संरचना को मजबूत करना।

मुख्य प्रावधान:

  1. सार्वजनिक उपक्रमों और संस्थाओं के अधिकारों में बदलाव किए गए।

प्रभाव:

  • संघीय प्रणाली को और मजबूत किया गया।

61. इकतालीसवां संशोधन (1998):

पृष्ठभूमि:

संविधान में न्यायिक प्रक्रिया में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय के अधिकार बढ़ाए गए।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता और शक्ति को बढ़ावा मिला।

62. बासठवां संशोधन (2002):

पृष्ठभूमि:

सामाजिक सुरक्षा और सरकारी सेवाओं में सुधार के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. शैक्षिक संस्थाओं और सरकारी सेवाओं में आरक्षण के मुद्दे पर संशोधन।

प्रभाव:

  • समाज के वंचित वर्गों को सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर मिले।

63. तिरसठवां संशोधन (2002):

पृष्ठभूमि:

आधिकारिक तौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के चयन के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. सभी नियुक्तियाँ राज्य के प्रशासन में उचित प्रक्रिया के तहत करने का प्रावधान।

प्रभाव:

  • प्रशासनिक नियुक्तियाँ अधिक पारदर्शी और सुसंगत हुईं।

64. चौसठवां संशोधन (2003):

पृष्ठभूमि:

संविधान के कुछ प्रावधानों में बदलाव करना, विशेष रूप से चुनावी व्यवस्था के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुधार।

प्रभाव:

  • चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया गया।

65. पैंसठवां संशोधन (2003):

पृष्ठभूमि:

लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करना।

मुख्य प्रावधान:

  1. राज्य सरकारों के अधिकारों और चुनाव प्रक्रिया को सही करने के लिए सुधार।

प्रभाव:

  • राज्य सरकारों की कार्यप्रणाली को अधिक उत्तरदायी और जिम्मेदार बनाया गया।

66. छियासठवां संशोधन (2003):

पृष्ठभूमि:

संविधान में छोटे प्रशासनिक सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. कुछ राज्य विधानसभाओं में छोटे सुधार।

प्रभाव:

  • प्रशासनिक प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए गए।

67. सत्तासठवां संशोधन (2005):

पृष्ठभूमि:

लोकसभा चुनाव प्रक्रिया और आरक्षण नीति में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. संविधान में आरक्षण से संबंधित सुधार और चुनावी प्रक्रिया में बदलाव।

प्रभाव:

  • चुनाव प्रक्रिया और आरक्षण नीति को मजबूत किया गया।

68. अठ्ठासठवां संशोधन (2005):

पृष्ठभूमि:

संविधान में भारतीय संघीय ढांचे को सुधारने के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अधिकारों के वितरण में सुधार।

प्रभाव:

  • केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया गया।

69. उनसठवां संशोधन (2006):

पृष्ठभूमि:

संविधान में कुछ प्रशासनिक और चुनावी सुधारों के लिए।

मुख्य प्रावधान:

  1. राज्य और केंद्र सरकार के बीच अधिक सुसंगति।

प्रभाव:

  • राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय में सुधार।

70. सत्तरवां संशोधन (2006):

पृष्ठभूमि:

न्यायपालिका और सरकार के बीच अधिकारों के वितरण में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायिक प्रक्रिया और सरकार के मामलों में सुधार।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका और सरकार के मामलों में अधिक समन्वय।

71. इकतिहत्तरवां संशोधन (2008):

पृष्ठभूमि:

संविधान में विशेष प्रावधानों के तहत न्यायपालिका में सुधार।

मुख्य प्रावधान:

  1. न्यायिक स्वतंत्रता और संविधान के अनुरूप न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए।

प्रभाव:

  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता को और सुदृढ़ किया गया।

72. बहत्तरवां संशोधन (2008):

पृष्ठभूमि:

संविधान में न्यायिक सुधार और आरक्षण की प्रक्रिया।

मुख्य प्रावधान:

  1. आरक्षण और चुनावी प्रक्रिया में सुधार।

प्रभाव:

  • आरक्षण नीति और चुनाव प्रक्रिया को मजबूत किया गया।

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