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कैग रिपोर्ट : प्रतिपूरक वनरोपण ( COMPENSATORY AFFORESTATION )

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कैग रिपोर्ट: उत्तराखंड में CAMPA फंड के दुरुपयोग का विश्लेषण

परिचय

हाल ही में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा 2019-2022 की अवधि में प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (CAMPA) की कार्यप्रणाली पर एक ऑडिट रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के वन प्रभागों द्वारा प्रतिपूरक वनीकरण के लिए आवंटित धनराशि को अन्य गतिविधियों में खर्च करने की गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया गया है।

मुख्य बिंदु

CAG की रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए हैं:

  1. फंड का दुरुपयोग: CAMPA के तहत प्राप्त धन को प्रतिपूरक वनीकरण की बजाय अन्य परियोजनाओं में खर्च किया गया।
  2. वन्यजीवों पर ध्यान नहीं: उन क्षेत्रों में फंड का उपयोग किया गया जहां इसका कोई स्पष्ट प्रभाव नहीं था, जिससे वन्यजीव संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन प्रभावित हुआ।
  3. लेखांकन और पारदर्शिता की कमी: खर्चों को सही तरीके से दर्ज नहीं किया गया और कई मामलों में कोई उचित लेखा-जोखा नहीं मिला।
  4. वनीकरण के लक्ष्य अधूरे: जिस उद्देश्य के लिए यह फंड आवंटित किया गया था, वह पूरी तरह से प्राप्त नहीं हुआ, जिससे उत्तराखंड में वन हानि की भरपाई नहीं हो पाई।

CAMPA फंड क्या है?

प्रतिपूरक वनीकरण के तहत जो भी उद्योग, विकास परियोजनाएं या अन्य गतिविधियाँ वन क्षेत्र को नुकसान पहुँचाती हैं, उनके बदले में वनों को पुनः विकसित करने के लिए फंड का प्रावधान किया गया है। यह फंड वन्यजीवों के संरक्षण, जैव विविधता को बनाए रखने और पारिस्थितिकीय असंतुलन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे हुआ फंड का दुरुपयोग?

  1. अन्य निर्माण गतिविधियों में फंड का उपयोग: कई रिपोर्टों में पाया गया कि CAMPA के तहत मिले पैसे का उपयोग सड़क निर्माण, इमारतों के नवीनीकरण और अन्य गैर-वानिकी गतिविधियों में किया गया।
  2. वन विभाग की योजनाओं में गड़बड़ी: कई योजनाओं में बिना उचित स्वीकृति के फंड खर्च किया गया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव दिखा।
  3. वन पुनर्जीवन में लापरवाही: सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिपूरक वनीकरण योजनाओं को ठीक से लागू नहीं किया गया, जिससे हरे-भरे वन क्षेत्र की क्षति पूरी नहीं हो पाई।

प्रभाव और संभावित खतरे

  1. पर्यावरणीय संतुलन पर प्रभाव: अगर वनीकरण के लिए आवंटित फंड का सही उपयोग नहीं हुआ तो उत्तराखंड के पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
  2. वन्यजीवों के लिए खतरा: जंगलों की कटाई और पुनः वनीकरण की धीमी गति के कारण वन्यजीवों के आवास क्षेत्र में कमी हो सकती है।
  3. जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव: उत्तराखंड में वन क्षेत्र की हानि से कार्बन संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या और बढ़ सकती है।

समाधान और सुझाव

  1. पारदर्शी फंड मैनेजमेंट: CAMPA फंड का उपयोग पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए, और सभी खर्चों की नियमित ऑडिटिंग होनी चाहिए।
  2. प्रभावी निगरानी प्रणाली: राज्य और केंद्र सरकार को CAMPA फंड के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन करना चाहिए।
  3. सख्त दंड व्यवस्था: जो अधिकारी और एजेंसियां ​​CAMPA फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
  4. सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों को इस योजना से जोड़ा जाए ताकि वे वनीकरण की प्रगति पर नजर रख सकें और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में योगदान दें।

निष्कर्ष

CAG की रिपोर्ट ने CAMPA फंड के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को उजागर किया है। उत्तराखंड के वन विभाग को इस पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रतिपूरक वनीकरण की मूल भावना को बचाया जा सके और वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अगर इस समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो यह पूरे पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु परिवर्तन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।


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