Climate Change and COP30 Preparations (जलवायु परिवर्तन और COP30 की तैयारी)
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सबसे बड़े और चुनौतीपूर्ण मुद्दों में से एक है। वैश्विक तापमान में वृद्धि, प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती तीव्रता, और पारिस्थितिक तंत्र पर इसके दुष्प्रभाव ने सभी देशों को ठोस कार्रवाई के लिए प्रेरित किया है।
COP30 (Conference of Parties) संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का 30वां संस्करण होगा, जो वर्ष 2025 में ब्राजील के शहर बेलम (Belém) में आयोजित होगा। यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय द्वारा की जाने वाली सामूहिक कोशिशों का हिस्सा है।
COP30 का महत्त्व
- स्थल का महत्त्व:
- बेलम, अमेज़न रेनफॉरेस्ट के निकट स्थित है, जिसे पृथ्वी के “फेफड़े” कहा जाता है।
- अमेज़न वर्षावन वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- पहली बार सम्मेलन को ऐसी जगह आयोजित किया जा रहा है, जो जलवायु संकट के केंद्र में है।
- वैश्विक लक्ष्य:
- वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करना।
- विकासशील और गरीब देशों को जलवायु वित्तीय सहायता देना।
- ब्राजील की भूमिका:
- ब्राजील की अध्यक्षता के तहत अमेज़न की रक्षा और उसके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- अमेज़न वर्षावन की कटाई रोकने और वनीकरण को बढ़ावा देने की योजनाएं बनाई जाएंगी।
जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रमुख मुद्दे
- वैश्विक तापमान में वृद्धि:
- IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change) की रिपोर्ट के अनुसार, औसत वैश्विक तापमान पहले ही 1.1°C बढ़ चुका है।
- यदि मौजूदा रुझान जारी रहते हैं, तो यह 2°C से अधिक बढ़ सकता है।
- प्राकृतिक आपदाएं:
- बाढ़, सूखा, जंगलों में आग और चक्रवात जैसी आपदाओं की तीव्रता और संख्या में वृद्धि हो रही है।
- 2023 और 2024 में जलवायु परिवर्तन के कारण हुई आपदाओं का आर्थिक प्रभाव अरबों डॉलर तक पहुंच चुका है।
- कृषि और खाद्य सुरक्षा:
- जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की पैदावार प्रभावित हो रही है।
- सूखे और बाढ़ के कारण खाद्य सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है।
- जलवायु वित्त (Climate Finance):
- विकासशील देशों को हरित प्रौद्योगिकी अपनाने और जलवायु संकट से निपटने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
- COP27 और COP28 के दौरान “Loss and Damage Fund” की शुरुआत हुई थी, लेकिन इसे लागू करना अभी बाकी है।
COP30 की प्राथमिकताएं
- अमेज़न वर्षावन का संरक्षण:
- अमेज़न की कटाई को रोकने और वनीकरण को बढ़ावा देने की योजनाएं।
- ब्राजील और पड़ोसी देशों द्वारा संयुक्त प्रयास।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी:
- कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सख्त वैश्विक लक्ष्य।
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन, और जैव ऊर्जा) को बढ़ावा देना।
- जलवायु वित्त:
- विकासशील देशों को हरित परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद।
- “Loss and Damage Fund” को सक्रिय करना।
- वैश्विक साझेदारी:
- विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाना।
- नई हरित तकनीकों को साझा करना।
भारत की भूमिका
- वैश्विक दक्षिण का नेतृत्व:
- भारत विकासशील देशों के मुद्दों को COP30 में प्रमुखता से उठाएगा।
- जलवायु न्याय (Climate Justice) की मांग करेगा, जिसमें विकासशील देशों की जरूरतों और चुनौतियों को प्राथमिकता दी जाए।
- नवीकरणीय ऊर्जा में योगदान:
- भारत की “International Solar Alliance” पहल को और मजबूत किया जाएगा।
- 2030 तक 50% ऊर्जा उत्पादन को नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य।
- हरित प्रौद्योगिकी का प्रचार:
- भारत अपनी “Mission LiFE” (Lifestyle for Environment) को COP30 में प्रदर्शित करेगा, जो स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने की एक पहल है।
समस्या समाधान के लिए आवश्यक कदम
- सख्त नीतियां:
- देशों को कार्बन उत्सर्जन की सीमा तय करनी होगी।
- प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना होगा।
- सार्वजनिक जागरूकता:
- जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी।
- आम जनता को सतत जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा।
- वैश्विक सहयोग:
- विकसित देशों को जलवायु वित्त के माध्यम से विकासशील देशों की मदद करनी होगी।
- हरित प्रौद्योगिकी और संसाधनों को साझा करना होगा।
निष्कर्ष
COP30 जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हो सकता है। ब्राजील की अध्यक्षता में अमेज़न जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत और अन्य विकासशील देशों को सुनिश्चित करना होगा कि वैश्विक जलवायु नीतियां सभी के लिए न्यायसंगत और प्रभावी हों। यदि सभी देश ठोस कार्रवाई करते हैं, तो वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करना और पृथ्वी को एक बेहतर स्थान बनाना संभव है।
संभावित प्रश्न: UPSC Prelims और Mains
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और COP30 के संदर्भ में UPSC की परीक्षा में संभावित प्रश्न Prelims और Mains के लिए इस प्रकार हो सकते हैं:
UPSC Prelims के लिए संभावित प्रश्न (Objective Type)
- निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
- (a) COP30 सम्मेलन ब्राज़ील के बेलम शहर में आयोजित होगा।
- (b) “Loss and Damage Fund” COP28 में शुरू किया गया था।
- (c) IPCC की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक तापमान में वृद्धि 2°C तक सीमित है।
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर: (a)
- जलवायु वित्त (Climate Finance) के संदर्भ में “Loss and Damage Fund” का उद्देश्य है:
- (a) हरित प्रौद्योगिकी का विकास
- (b) जलवायु परिवर्तन से प्रभावित विकासशील देशों को सहायता
- (c) कार्बन उत्सर्जन को कम करना
- (d) नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश
उत्तर: (b)
UPSC Mains के लिए संभावित प्रश्न (Descriptive Type)
Hindi:
- प्रश्न: “अमेज़न वर्षावन का संरक्षण जलवायु संकट को हल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।” COP30 की पृष्ठभूमि में चर्चा कीजिए।
- संकेत:
- अमेज़न का महत्व
- वनों की कटाई और इसके प्रभाव
- COP30 में संभावित कदम
- प्रश्न: जलवायु वित्त (Climate Finance) की अवधारणा पर चर्चा कीजिए और बताइए कि यह विकासशील देशों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
- संकेत:
- जलवायु वित्त का अर्थ
- “Loss and Damage Fund” का महत्व
- विकासशील देशों को इसके लाभ
प्रश्न: भारत की “Mission LiFE” पहल जलवायु परिवर्तन के मुद्दों का समाधान करने में कैसे सहायक हो सकती है?
- संकेत:
- Mission LiFE की अवधारणा
- स्थायी जीवनशैली का महत्व
- वैश्विक सहयोग में भारत की भूमिका
प्रश्न: जलवायु परिवर्तन का वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ा है? इसके समाधान के लिए COP30 में किन कदमों की अपेक्षा की जा सकती है?
संकेत:
- जलवायु परिवर्तन और फसल पैदावार
- खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
- संभावित समाधान
प्रश्न निर्माण के सुझाव (Question Formation Insights)
- Prelims में ज़्यादातर fact-based और concept-oriented प्रश्न होते हैं।
- Mains में analytical और descriptive प्रश्नों पर ध्यान दिया जाता है।
- छात्र को current affairs के साथ-साथ basic concepts का भी ज्ञान होना चाहिए।
- विषयों का गहन विश्लेषण और उदाहरण के साथ उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
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