कूनो से गांधी सागर में चीता स्थानांतरण
Cheetah Relocation from Kuno to Gandhi Sagar
चर्चा में क्यों? | Why in News?
हाल ही में चीता परियोजना संचालन समिति (Cheetah Project Steering Committee) ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary) में कुछ चीतों को स्थानांतरित करने को मंजूरी दे दी है।
पृष्ठभूमि | Background
- चीता पुनःस्थापन परियोजना (Project Cheetah) 2022 में शुरू की गई थी।
- यह विश्व की पहली अंतर-महाद्वीपीय पुनर्वास परियोजना है जिसमें अफ्रीकी चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए।
- इन चीतों को सबसे पहले कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया।
स्थानांतरण की आवश्यकता क्यों? | Why Relocation was Needed?
- कूनो में विस्थापित गांवों की संख्या, घनत्व, और पर्याप्त स्थान की कमी से चीते संघर्ष कर रहे हैं।
- विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि अधिक स्थान और कम मानव हस्तक्षेप वाले क्षेत्रों में स्थानांतरण से चीतों की जीवितता और प्रजनन दर में सुधार होगा।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य | Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary
- स्थान: मंदसौर और नीमच जिलों, मध्य प्रदेश।
- क्षेत्रफल: लगभग 368 वर्ग किमी।
- इसमें समृद्ध घास के मैदान, झाड़ियों, और जल स्रोतों की प्रचुरता है — चीतों के अनुकूल आवास।
प्रमुख उद्देश्य | Key Objectives
• चीता संरक्षण और दीर्घकालिक अस्तित्व सुनिश्चित करना।
• पर्यटन, स्थानीय रोजगार, और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना।
• भविष्य में विविध क्षेत्रों में चीता पुनर्वास को सक्षम बनाना।
महत्त्वपूर्ण शब्दावली | Important Terms (With Notes)
- चीता पुनःस्थापन (Cheetah Reintroduction): विलुप्त हो चुके प्रजातियों को पुनः किसी क्षेत्र में बसाना।
- गांधी सागर डैम (Gandhi Sagar Dam): चंबल नदी पर स्थित, जिससे आस-पास का पारिस्थितिकी तंत्र समृद्ध है।
- वन्यजीव गलियारा (Wildlife Corridor): दो आवासों को जोड़ने वाला मार्ग जिससे जानवर स्वतंत्र रूप से आवागमन कर सकें।
प्रशासनिक दृष्टिकोण | Administrative Perspective
- यह स्थानांतरण राज्य सरकार, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) की सामूहिक निगरानी में किया जाएगा।
- जियो-टैगिंग कॉलर और सैटेलाइट मॉनिटरिंग द्वारा निगरानी की जाएगी।
कानूनी और नीति आधारित दृष्टिकोण | Legal & Policy View
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत चीता अनुसूची-1 प्रजाति में है — सबसे उच्च संरक्षण।
- यह परियोजना राष्ट्रीय जैव विविधता नीति और 2030 पर्यावरण लक्ष्यों के अनुरूप है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण | Social and Economic Angle
- स्थानीय समुदायों की आजीविका और पर्यटन आधारित रोजगार में वृद्धि संभव।
- प्रशिक्षण, संवेदनशीलता अभियान, और स्थानीय भागीदारी जरूरी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य | Global Relevance
- भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अफ्रीकी चीते को एशियाई परिदृश्य में दोबारा बसाने की कोशिश की है।
- यह परियोजना वन्यजीव अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उदाहरण है।
UPSC परीक्षा प्रासंगिक बिंदु | UPSC Exam Relevant Points
• Project Cheetah – Year & Objective
• Location of Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary
• Difference between National Parks and Wildlife Sanctuaries
• Legal status of Cheetahs under Wildlife Protection Act
• Ecological Role of Large Carnivores
• Rewilding Projects Worldwide
सारांश बॉक्स | Summary Box
विषय | विवरण |
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परियोजना | चीता पुनःस्थापन योजना (Project Cheetah) |
स्थानांतरण | कूनो से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य |
उद्देश्य | चीता संरक्षण, पर्यटन, जैव विविधता |
एजेंसियाँ | NTCA, WII, MP सरकार |
संबंधित कानून | वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 |
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. भारत में चीता कब विलुप्त हुए थे?
Ans: वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित कर दिया था।
Q2. गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य क्यों चुना गया?
Ans: यह क्षेत्र चीतों के लिए उपयुक्त घासभूमि, कम मानवीय हस्तक्षेप और पर्याप्त शिकार प्रदान करता है।
Q3. क्या स्थानांतरण का कोई जोखिम है?
Ans: हाँ, अनुकूलन, बीमारी, और संघर्ष जैसे जोखिम होते हैं, जिनकी निगरानी वैज्ञानिक उपकरणों से की जाती है।
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