- 1.3 आर्द्रभूमि, तटीय भूमि और महासागर (Wetlands, Coastal Land & Oceans)
- 1.3.1. खुले समुद्र पर संयुक्त राष्ट्र संधि (UN Treaty on High Seas)
- 1.3.2. प्रवाल विरंजन (Coral Bleaching)
- 1.3.3. रामसर स्थल (Ramsar Sites in India & World)
- 1.3.4. सुर्खियों में रही अन्य आर्द्रभूमियाँ
- 1.3.5. अन्य संबंधित सुर्खियाँ
- 1.3.6. सुर्खियों में रही समुद्री शब्दावली (Important Marine Terms in News)
- 1.3.6.1. प्लैंकटन क्रैश (Plankton Crash)
- 1.3.6.2. गैप लिमिटेशन (GAP Limitation)
- 1.3.6.3. मेगाफौना (Megafauna)
- 1.3.6.4. स्ट्रोमैटोलाइट (Stromatolites)
- 1.3.6.5. पर्यावरणीय डीएनए (Environmental DNA – eDNA)
- 1.3.6.6. जैव-संविदा (Bio-Contracting)
- 1.3.6.7. फैक्ट्री फार्मिंग (Factory Farming in Oceans)
- 1.3.6.8. ग्रीन और ब्लू वाटर (Green & Blue Water)
- 🔍 निष्कर्ष (Conclusion)
1.3 आर्द्रभूमि, तटीय भूमि और महासागर (Wetlands, Coastal Land & Oceans)
1.3.1. खुले समुद्र पर संयुक्त राष्ट्र संधि (UN Treaty on High Seas)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने खुले समुद्रों की रक्षा के लिए एक वैश्विक संधि को मंजूरी दी है।
मुख्य बिंदु:
- यह संधि “Biodiversity Beyond National Jurisdiction (BBNJ)” के तहत बनाई गई है।
- उद्देश्य: समुद्री जैव विविधता को संरक्षित करना और सतत उपयोग को बढ़ावा देना।
- इस संधि के तहत खुले समुद्रों में समुद्री संरक्षित क्षेत्र (Marine Protected Areas – MPAs) बनाए जाएंगे।
महत्व:
✔ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा
✔ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना
✔ महासागरों में संसाधनों के निष्कर्षण को नियंत्रित करना
1.3.2. प्रवाल विरंजन (Coral Bleaching)
सुर्खियों में क्यों?
- हाल ही में ग्रेट बैरियर रीफ में तीव्र प्रवाल विरंजन (Severe Coral Bleaching) दर्ज किया गया।
- प्रवाल विरंजन तब होता है जब समुद्री जल का तापमान बढ़ने से प्रवाल (Corals) अपने सहजीवी शैवाल (Zooxanthellae) को खो देते हैं, जिससे वे सफेद हो जाते हैं और धीरे-धीरे मर सकते हैं।
मुख्य कारण:
- 🌡 जलवायु परिवर्तन – महासागरों का तापमान बढ़ना।
- 🏭 मानवजनित प्रदूषण – तेल रिसाव, प्लास्टिक कचरा, रसायन।
- 🌊 ओशन एसिडिफिकेशन – CO₂ के कारण महासागरों की अम्लीयता बढ़ना।
प्रभाव:
- मछलियों और समुद्री जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव।
- तटीय सुरक्षा में कमी (Coral Reefs, तूफानों से बचाव करते हैं)।
- मत्स्य उद्योग और पर्यटन पर असर।
रक्षा के लिए कदम:
✔ UNESCO की “Reef 2050 Plan”
✔ “Coral Restoration Programs” द्वारा प्रवालों की पुनर्बहाली
✔ महासागरों में प्रदूषण और अत्यधिक मत्स्यन (Overfishing) को रोकना
1.3.3. रामसर स्थल (Ramsar Sites in India & World)
सुर्खियों में क्यों?
- हाल ही में भारत में 2 नए रामसर स्थल जोड़े गए, जिससे कुल संख्या 80 हो गई।
- भारत में सबसे बड़ा रामसर स्थल सुंदरबन (West Bengal) और सबसे छोटा रेणुका झील (Himachal Pradesh) है।
रामसर संधि क्या है?
- 1971 में ईरान के रामसर शहर में अपनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
- उद्देश्य वैश्विक आर्द्रभूमियों (Wetlands) का संरक्षण और सतत उपयोग सुनिश्चित करना।
महत्व:
- जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद।
- जैव विविधता के संरक्षण में सहायक।
- तटीय इलाकों और प्रवाल द्वीपों की रक्षा।
1.3.4. सुर्खियों में रही अन्य आर्द्रभूमियाँ
✅ कच्छ का रण – गुजरात का प्रसिद्ध खारे पानी का दलदल।
✅ चिल्का झील – एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील (ओडिशा)।
✅ लोकतक झील – दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील (मणिपुर)।
✅ वुलर झील – जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील।
1.3.5. अन्य संबंधित सुर्खियाँ
1.3.5.1. संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन (United Nations Water Convention)
- जल संसाधनों के सतत प्रबंधन पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन।
- मुख्य लक्ष्य: जलवायु परिवर्तन से जल संकट को रोकना।
1.3.5.2. उथले जलभृत प्रबंधन (Shallow Aquifer Management)
- भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए टेक्नोलॉजी आधारित जल पुनर्भरण।
1.3.5.3. FishMIP पहल (Fish Model Intercomparison Project)
- महासागरों में मछली प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन।
1.3.6. सुर्खियों में रही समुद्री शब्दावली (Important Marine Terms in News)
1.3.6.1. प्लैंकटन क्रैश (Plankton Crash)
- महासागरों में माइक्रोप्लैंकटन की संख्या में अचानक गिरावट, जिससे समुद्री खाद्य श्रृंखला प्रभावित होती है।
1.3.6.2. गैप लिमिटेशन (GAP Limitation)
- महासागरों में ऑक्सीजन न्यूनतम स्तर (OMZs) की स्थिति, जिससे समुद्री जीवन संकट में आता है।
1.3.6.3. मेगाफौना (Megafauna)
- महासागरों में रहने वाले विशाल समुद्री जीव, जैसे व्हेल, डॉल्फिन, शार्क।
1.3.6.4. स्ट्रोमैटोलाइट (Stromatolites)
- सबसे पुराने जीवाश्म संरचनाएं, जो महासागरों में पाई जाती हैं।
1.3.6.5. पर्यावरणीय डीएनए (Environmental DNA – eDNA)
- महासागरों से जीवों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए DNA सैंपलिंग तकनीक।
1.3.6.6. जैव-संविदा (Bio-Contracting)
- समुद्री जीवों की सहायता से प्राकृतिक रूप से कार्बन कैप्चर करने की प्रक्रिया।
1.3.6.7. फैक्ट्री फार्मिंग (Factory Farming in Oceans)
- महासागरों में बड़े पैमाने पर मछली पालन और समुद्री कृषि।
1.3.6.8. ग्रीन और ब्लू वाटर (Green & Blue Water)
- ग्रीन वाटर: वर्षा जल जो मिट्टी में संग्रहित होता है।
- ब्लू वाटर: झीलों, नदियों और भूजल स्रोतों का पानी।
🔍 निष्कर्ष (Conclusion)
- आर्द्रभूमियाँ, तटीय क्षेत्र और महासागर पृथ्वी की जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- UN संधियाँ, रामसर स्थल संरक्षण, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के प्रयास महासागरों और तटीय पारिस्थितिकीय तंत्र को बचाने में मदद कर सकते हैं।
- प्रवाल विरंजन, जलवायु परिवर्तन, और समुद्री प्रदूषण जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए सतत प्रयास आवश्यक हैं।
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