चर्चा में क्यों
भारत की सैन्य धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के तहत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 जनवरी, 2025 को पुणे में 77वें सेना दिवस समारोह के दौरान भारत रणभूमि दर्शन का उद्घाटन किया।
पृष्ठभूमि:
यह पहल रक्षा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के बीच संयुक्त प्रयास है, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सैन्य धरोहर को उजागर करना और सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों को सम्मानित करना है।
भारत रणभूमि दर्शन की मुख्य विशेषताएं:
- ऐतिहासिक रणक्षेत्र स्थल:
इस पहल में सियाचिन (विश्व का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र), गलवान (2020 के भारत-चीन संघर्ष का स्थल), लोंगेवाला (1971 के भारत-पाक युद्ध में प्रमुख), किबिथू और बुम ला पास (1962 के चीन-भारत युद्ध के अरुणाचल प्रदेश में स्थित स्थान) जैसे ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्र शामिल हैं। - डिजिटल उपकरण:
एक समर्पित ऐप और वेबसाइट इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व की गहन जानकारी प्रदान करते हैं, जिनमें वर्चुअल टूर, ऐतिहासिक वृत्तांत और मल्टीमीडिया सामग्री शामिल है। यात्रा की योजना बनाने वाले लोगों के लिए यह प्लेटफ़ॉर्म व्यापक यात्रा जानकारी भी प्रदान करता है। - आर्थिक और शैक्षिक लाभ:
इन क्षेत्रों को पर्यटन के लिए खोलने से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने, शैक्षिक अवसर प्रदान करने और आगंतुकों में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम व्यापक “अतुल्य भारत” अभियान के साथ मेल खाता है, जिसमें पर्यटन को शैक्षिक अनुभवों के साथ जोड़ा गया है।
अतिरिक्त जानकारी:
इनमें से अधिकांश स्थल भारत की सीमाओं पर स्थित हैं, जैसे चीन (वास्तविक नियंत्रण रेखा – LAC) और पाकिस्तान (नियंत्रण रेखा – LoC)। ये क्षेत्र स्वतंत्रता के बाद हुए युद्धों और हाल की झड़पों का इतिहास समेटे हुए हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) क्या है?
LAC वह सीमा रेखा है जो भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्र को चीनी नियंत्रण वाले क्षेत्र से अलग करती है। भारत के अनुसार LAC की लंबाई 3,488 किमी है, जबकि चीन इसे लगभग 2,000 किमी मानता है। इसे तीन क्षेत्रों में बांटा गया है:
- पूर्वी क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम)
- मध्य क्षेत्र (उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश)
- पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख)
LAC और LoC में क्या अंतर है?
- LoC (नियंत्रण रेखा):
यह 1948 के कश्मीर युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित युद्धविराम रेखा से उत्पन्न हुई। इसे 1972 के शिमला समझौते के बाद नियंत्रण रेखा के रूप में मान्यता दी गई। इसे दोनों देशों के सेनाध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षरित नक्शे पर रेखांकित किया गया है और इसे एक कानूनी समझौते की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। - LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा):
इसके विपरीत, LAC केवल एक अवधारणा है। यह न तो दोनों देशों द्वारा सहमत है, न ही इसे नक्शे पर दर्शाया गया है और न ही इसे ज़मीन पर चिह्नित किया गया है।
कुछ अन्य पहलू को UPSC एग्जाम की दृष्टि से महत्वपूर्ण है
भारत रणभूमि दर्शन विषय को UPSC के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाने के लिए निम्नलिखित अतिरिक्त पहलुओं को शामिल किया जा सकता है:
1. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण:
- रणभूमि स्थलों का ऐतिहासिक महत्व:
- इन स्थलों पर हुई प्रमुख लड़ाइयों का भारतीय इतिहास पर क्या प्रभाव पड़ा? जैसे 1971 के युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण और भारत का क्षेत्रीय प्रभुत्व स्थापित होना।
- 1962 का भारत-चीन युद्ध और इससे जुड़े स्थान, जैसे बुम ला पास, कैसे भारत की सैन्य तैयारियों में सुधार के लिए एक सबक बने?
- सांस्कृतिक महत्व:
- इन स्थलों पर स्थानीय समुदायों की भागीदारी और उनकी कहानियों को पर्यटन में कैसे जोड़ा जा सकता है?
- युद्ध से जुड़े स्मारकों, संग्रहालयों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व।
2. अर्थव्यवस्था और विकास का दृष्टिकोण:
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा:
- इन क्षेत्रों को पर्यटन के लिए खोलने से कैसे सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए रोजगार और आधारभूत संरचना में सुधार होगा?
- इससे भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक असमानता को कम करने की संभावनाएं।
- भारत की सॉफ्ट पावर रणनीति:
- इस पहल के माध्यम से भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर को वैश्विक मंच पर कैसे प्रदर्शित किया जा सकता है?
3. राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण:
- रणनीतिक महत्व:
- यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय उपस्थिति को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में कैसे सहायक हो सकती है?
- उदाहरण: सियाचिन और गलवान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक उपस्थिति से भू-राजनीतिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव।
- सैन्य और नागरिक सहयोग:
- स्थानीय समुदायों को सैन्य बलों के साथ जोड़कर उनके बीच विश्वास और साझेदारी को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है?
4. पर्यावरणीय और टिकाऊ विकास का दृष्टिकोण:
- पर्यावरण संरक्षण:
- संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
- सियाचिन जैसे क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षति को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
- स्थानीय संसाधनों का उपयोग:
- स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान का उपयोग पर्यटन और संरक्षण प्रयासों में कैसे किया जा सकता है?
5. शैक्षिक और प्रेरणादायक दृष्टिकोण:
- शैक्षिक महत्व:
- इन स्थलों को भारतीय इतिहास, भूगोल और सैन्य रणनीति के अध्ययन के लिए एक खुली कक्षा (Open Classroom) के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?
- देशभक्ति और जागरूकता:
- युवाओं में राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने के लिए इन स्थलों की यात्रा कैसे प्रभावी हो सकती है?
- एनसीसी, स्काउट्स और स्कूलों के लिए विशेष यात्रा कार्यक्रम।
6. योजना और सरकारी पहल:
- नीतिगत पहल:
- इस योजना का “अतुल्य भारत” अभियान और अन्य पर्यटन योजनाओं जैसे स्वदेश दर्शन योजना और राष्ट्रीय विरासत विकास और संवर्धन योजना (HRIDAY) से संबंध।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP):
- इस पहल में निजी क्षेत्र की भागीदारी और निवेश के अवसर।
7. उत्तरदायित्व और चुनौतियां:
- भू-राजनीतिक चुनौतियां:
- संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते पर्यटक दबाव के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- चीन और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और इन क्षेत्रों में विवादों के कारण उत्पन्न जटिलताएं।
- सामाजिक चुनौतियां:
- स्थानीय समुदायों और पारंपरिक जीवनशैली पर पर्यटन का प्रभाव।
UPSC के दृष्टिकोण से संभावित प्रश्न:
- “भारत रणभूमि दर्शन योजना” कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सामरिक महत्व को बढ़ाने में सहायक है? चर्चा करें।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा चुनौतियों का विश्लेषण करें।
- “भारत रणभूमि दर्शन” पहल किस प्रकार ‘अतुल्य भारत’ अभियान को सशक्त बनाती है?
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