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जलवायु परिवर्तन और अफ्रीकी पूर्वी लहरों (African Easterly Waves – AEWs)

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जलवायु परिवर्तन और अफ्रीकी पूर्वी लहरों (African Easterly Waves – AEWs) का आपस में गहरा संबंध है, और हाल की घटनाओं में इनका प्रभाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। इसे मौजूदा संदर्भ में समझने के लिए आइए इसे तीन भागों में चर्चा करें:


1. अफ्रीकी पूर्वी लहरें (AEWs) क्या हैं?

  • ये गर्मियों में उत्तरी अफ्रीका के सहारा और साहेल क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाली वायुमंडलीय तरंगें हैं, जो पूर्व से पश्चिम की ओर अटलांटिक महासागर तक फैलती हैं।
  • ये लहरें उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (जैसे अटलांटिक में आने वाले तूफानों और हैरिकेनों) के बनने की प्रमुख वजह हैं।
  • इनके माध्यम से अफ्रीकी क्षेत्र में मानसून और बारिश के पैटर्न प्रभावित होते हैं।

2. जलवायु परिवर्तन का अफ्रीकी पूर्वी लहरों पर प्रभाव:

(क) समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि:

  • वैश्विक तापमान बढ़ने से अटलांटिक और हिंद महासागर के पानी का तापमान बढ़ गया है।
  • गर्म समुद्र अधिक वाष्पीकरण करता है, जिससे वायुमंडलीय अस्थिरता बढ़ती है और AEWs की तीव्रता और उनकी चक्रवात उत्पन्न करने की क्षमता बढ़ जाती है।

(ख) चक्रवातों की तीव्रता:

  • जलवायु परिवर्तन के कारण AEWs द्वारा बनने वाले चक्रवात (जैसे 2023 के अटलांटिक तूफान) पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली और विनाशकारी हो रहे हैं।
  • हाल के वर्षों में चरम चक्रवात, जैसे “हैरिकेन इडालिया,” AEWs से प्रभावित होकर तीव्र बने।

(ग) सहारा की धूल और बारिश के पैटर्न:

  • सहारा की धूल, जो AEWs के साथ स्थानांतरित होती है, अब मौसम और बारिश को अधिक प्रभावित कर रही है।
  • साहेल क्षेत्र में अत्यधिक बारिश और बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं, जैसे 2023 में नाइजर और चाड में विनाशकारी बाढ़।

3. वर्तमान में AEWs से जुड़े जलवायु घटनाक्रम:

  • चरम मौसमी घटनाएं:
    हाल ही में पूर्वी अफ्रीका और साहेल क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ देखी गई, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए। यह AEWs के बदलते व्यवहार का परिणाम है।
  • सूडान और नाइजर में बाढ़:
    2023 में, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण अफ्रीकी पूर्वी लहरों से सहेल क्षेत्र में भारी बाढ़ आई, जिससे फसलें नष्ट हो गईं और हजारों लोग विस्थापित हुए।
  • हैरिकेन इडालिया (2023):
    यह चक्रवात AEWs से उत्पन्न हुआ और जलवायु परिवर्तन के कारण यह अधिक विनाशकारी बना।

4. भविष्य के लिए क्या चुनौतियाँ हैं?

  • कृषि पर असर: साहेल क्षेत्र की फसलें, जो AEWs पर निर्भर करती हैं, बदलते बारिश के पैटर्न के कारण प्रभावित हो रही हैं।
  • बाढ़ और सूखा: AEWs के तीव्र प्रभाव के कारण एक ओर बाढ़ और दूसरी ओर सूखे की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • समुद्री चक्रवात: चक्रवात अधिक तीव्र और लगातार हो रहे हैं, जिससे तटीय क्षेत्रों को भारी नुकसान हो रहा है।

निष्कर्ष:

जलवायु परिवर्तन अफ्रीकी पूर्वी लहरों की प्रकृति को बदल रहा है। इससे साहेल क्षेत्र और अटलांटिक महासागर के आसपास के क्षेत्रों में चरम मौसमी घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। इसका असर केवल अफ्रीका तक सीमित नहीं है; यह वैश्विक जलवायु प्रणाली पर भी प्रभाव डाल रहा है।

समाधान:

  • बेहतर जलवायु नीति, चक्रवातों की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, और टिकाऊ कृषि तकनीकों का विकास इस प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।