Meeting of Prime Minister Narendra Modi and Russian President Vladimir Putin – Recently an important meeting took place between Prime Minister Narendra Modi and Russian President Vladimir Putin in Kazan, Russia during the 16th BRICS Summit. Bilateral relations between India and Russia as well as global and regional issues were discussed in this meeting.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कज़ान, रूस में महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक के मुख्य बिंदु
1. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना
- ऊर्जा सहयोग:
- रूस भारत के लिए तेल और गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
- दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा की।
- भारत की “एनर्जी ट्रांजिशन” रणनीति में रूस एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
- रक्षा सहयोग:
- भारत और रूस के बीच दशकों से मजबूत रक्षा साझेदारी है।
- दोनों देशों ने मौजूदा रक्षा समझौतों और संयुक्त रक्षा उत्पादन की समीक्षा की।
- परमाणु ऊर्जा:
- कूडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सफलता के बाद, दोनों देशों ने भविष्य के परमाणु ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने पर विचार किया।
2. अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
- यूक्रेन संकट:
- भारत ने यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति की वकालत की।
- रूस ने अपने पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस-भारत संबंध अडिग रहेंगे।
- अफगानिस्तान की स्थिति:
- अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के लिए सहयोग पर चर्चा हुई।
- भारत और रूस ने आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग पर बल दिया।
- बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग:
- BRICS, SCO, और UN जैसे मंचों पर दोनों देशों ने अधिक सहयोग की आवश्यकता व्यक्त की।
- रूस ने भारत के G20 नेतृत्व की सराहना की।
3. वैश्विक दक्षिण (Global South) पर चर्चा
- दोनों नेताओं ने वैश्विक दक्षिण के विकासशील देशों की चिंताओं को संबोधित करने और उनके लिए बेहतर आर्थिक अवसर सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की।
- भारत और रूस ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
भारत-रूस संबंध: ऐतिहासिक दृष्टिकोण
मजबूत साझेदारी:
- शीत युद्ध काल:
शीत युद्ध के दौरान भारत और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच घनिष्ठ संबंध थे। - रक्षा क्षेत्र:
रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है, जिसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, लड़ाकू विमान, और पनडुब्बियों की आपूर्ति शामिल है। - ऊर्जा:
भारत रूस के साथ तेल, गैस, और परमाणु ऊर्जा सहयोग में गहराई से जुड़ा हुआ है।
आर्थिक साझेदारी:
- भारत-रूस व्यापार:
2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। - उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC):
INSTC परियोजना के तहत भारत, रूस और अन्य देशों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना है।
चुनौतियां:
- पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रूस पर आर्थिक दबाव।
- रूस-चीन निकटता, जो भारत की चिंताओं को बढ़ा सकती है।
- भारत का पश्चिमी देशों के साथ बढ़ता सहयोग, जो रूस को असहज कर सकता है।
भारत-रूस संबंधों का महत्व
1. रणनीतिक क्षेत्र में सहयोग:
- रक्षा क्षेत्र में तकनीकी हस्तांतरण और उत्पादन।
- भू-राजनीतिक स्थिरता के लिए सहयोग।
2. ऊर्जा सुरक्षा:
- रूस भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. बहुपक्षीय मंचों पर समर्थन:
- रूस भारत के स्थायी UNSC सदस्यता का समर्थन करता है।
- वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए दोनों देश एकजुट हैं।
4. एशिया में शक्ति संतुलन:
- भारत-रूस संबंध चीन और पाकिस्तान के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक हो सकते हैं।
चुनौतियां और संभावित समाधान
चुनौतियां:
- पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते रूस के साथ व्यापार और निवेश में बाधाएं।
- रूस-चीन बढ़ती मित्रता, जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
- भारत की इंडो-पैसिफिक रणनीति और अमेरिका के साथ सहयोग।
समाधान:
- विविधीकरण: दोनों देशों को ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों से परे व्यापार और तकनीकी साझेदारी बढ़ानी चाहिए।
- संतुलित कूटनीति: भारत को अमेरिका और रूस दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखना होगा।
- क्षेत्रीय सहयोग: अफगानिस्तान और मध्य एशिया में स्थिरता के लिए भारत और रूस को मिलकर काम करना चाहिए।
UPSC के लिए प्रासंगिकता
सामान्य अध्ययन – II (अंतर्राष्ट्रीय संबंध):
- भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी।
- वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका।
- बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता।
निबंध और इंटरव्यू:
- भारत-रूस संबंधों का वर्तमान परिदृश्य।
- क्या रूस भारत के लिए एक भरोसेमंद साझेदार बना रहेगा?
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