अगर आपका सपना PT 2025 में शानदार सफलता पाना है, तो यह मौका आपके लिए है! मैं सभी विषयों के लिए एक संपूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कर रहा हूँ, जो आपकी तैयारी को आसान, प्रभावी और सुनियोजित बनाएगी।

छत्तीसगढ़ द्वारा वन पारिस्थितिकी तंत्र को ग्रीन GDP से जोड़ना – UPSC

Chhattisgarh linking forest ecosystem with green GDP

छत्तीसगढ़ द्वारा वन पारिस्थितिकी तंत्र को ग्रीन GDP से जोड़ना ( Chhattisgarh linking forest ecosystem with green GDP )Daily Current Affairs

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन पारिस्थितिकी तंत्र को ग्रीन GDP से जोड़ने की पहल देश में एक अभिनव कदम है, जो सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास में सम्मिलित करने पर केंद्रित है। यह पहल “पर्यावरणीय पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के आर्थिक मूल्यांकन” (Economic Valuation of Ecosystem Services) के माध्यम से ग्रीन GDP को मापने का प्रयास है।

छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने अपने वन पारिस्थितिकी तंत्र को हरित सकल घरेलू उत्पाद से जोड़ा है। 

  • इस दृष्टिकोण से वनों के आर्थिक एवं पर्यावरणीय मूल्यों के साथ जैवविविधता संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन शमन के महत्त्व पर प्रकाश पड़ता है।
  • यह पहल आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए सतत् विकास प्राप्त करने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।

ग्रीन GDP क्या है?

ग्रीन GDP एक ऐसा आर्थिक सूचकांक है जो पारंपरिक GDP में पर्यावरणीय लागत (जैसे प्रदूषण, जैव विविधता की हानि) को घटाकर और पर्यावरणीय सेवाओं (जैसे वनों द्वारा कार्बन अवशोषण) को जोड़कर तैयार किया जाता है। यह आर्थिक विकास को अधिक स्थिर और टिकाऊ दृष्टिकोण से मापने का एक तरीका है।


छत्तीसगढ़ की पहल: मुख्य बिंदु

  1. वन पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन:
    • छत्तीसगढ़ के वनों को कार्बन अवशोषण, जल संरक्षण, जैव विविधता, और मिट्टी की उर्वरता जैसे पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए मापा जाएगा।
    • सरकार ने वनों की पर्यावरणीय सेवाओं के आर्थिक मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञ समूह गठित किया है।
  2. कार्बन क्रेडिट और ग्रीन GDP:
    • राज्य अपने वनों द्वारा कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने और उन्हें बाजार में बेचने की योजना बना रहा है।
    • यह छत्तीसगढ़ के राजस्व में वृद्धि करेगा और ग्रीन GDP के आंकड़े में सुधार करेगा।
  3. स्थानीय समुदायों को शामिल करना:
    • वन अधिकार अधिनियम (Forest Rights Act) के तहत, स्थानीय वनवासियों को वन प्रबंधन और संरक्षण में भागीदारी का अधिकार दिया गया है।
    • यह पहल वनों पर निर्भर समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगी।
  4. पर्यावरणीय लेखा प्रणाली (Environmental Accounting):
    • यह पहल पर्यावरणीय संसाधनों को आर्थिक निर्णयों का हिस्सा बनाने के लिए पर्यावरणीय लेखांकन की दिशा में एक कदम है।

लाभ:

  1. वन संरक्षण को प्रोत्साहन:
    • ग्रीन GDP को लागू करने से वन पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व बढ़ेगा और उनके संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  2. आर्थिक लाभ:
    • कार्बन क्रेडिट बेचने से राज्य को राजस्व मिलेगा, जो वनों और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए उपयोग किया जाएगा।
  3. सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा:
    • यह पहल SDG-13 (जलवायु कार्रवाई) और SDG-15 (स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण) को प्रोत्साहित करेगी।
  4. स्थानीय रोजगार और आजीविका:
    • वन संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  5. पर्यावरणीय जागरूकता:
    • ग्रीन GDP का मूल्यांकन पर्यावरणीय मुद्दों पर लोगों और सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा।

चुनौतियां:

  1. मापन का अभाव:
    • पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का सटीक आर्थिक मूल्यांकन करना कठिन है क्योंकि इसका कोई मानकीकृत तरीका नहीं है।
  2. स्थानीय समुदायों का विश्वास:
    • वनवासियों को परियोजना में शामिल करने के लिए भरोसा और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता होगी।
  3. वित्तीय और तकनीकी संसाधन:
    • ग्रीन GDP का आकलन करने और इसे लागू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता है।
  4. नीतिगत समन्वय:
    • वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय नीतियों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक होगा।

    निष्कर्ष

    छत्तीसगढ़ द्वारा वन पारिस्थितिकी तंत्र को ग्रीन GDP से जोड़ना एक दूरदर्शी कदम है जो पारंपरिक आर्थिक मापदंडों में सुधार करता है और पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास का हिस्सा बनाता है। यदि यह सफल होता है, तो यह मॉडल भारत के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

    UPSC के लिए प्रासंगिकता

    प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):

    • ग्रीन GDP का परिभाषा और उद्देश्य।
    • छत्तीसगढ़ का पारिस्थितिकी तंत्र और वनों की स्थिति।

    मुख्य परीक्षा (Mains):

    • जीएस पेपर 3 (पर्यावरण):
      • ग्रीन GDP के लाभ और चुनौतियां।
      • वनों और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का महत्व।
    • जीएस पेपर 1 (भूगोल):
      • छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र और उनके पर्यावरणीय लाभ।
    • निबंध (Essay):
      • “ग्रीन GDP: आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन।”
      • “वन संरक्षण और आर्थिक विकास: छत्तीसगढ़ मॉडल।”