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भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान( Estimate of India’s GDP growth rate ) – UPSC

UPSC PRELIMS BASED CURRENT AFFAIRS

भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान (6.4%)

भारत की अर्थव्यवस्था का 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे IMF और विश्व बैंक द्वारा लगाया गया है।


GDP वृद्धि दर का महत्व:

  • GDP वृद्धि दर से यह समझ आता है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था कितनी तेज़ी से विकसित हो रही है।
  • यह सामाजिक और आर्थिक नीतियों की सफलता का प्रमुख संकेतक है।

GDP वृद्धि दर के लिए मुख्य कारण:

(i) सेवा क्षेत्र का पुनरुद्धार:

  • सेवा क्षेत्र, जैसे IT, टूरिज्म और वित्तीय सेवाएं, भारत की GDP का लगभग 50% हिस्सा बनाते हैं।
  • महामारी के बाद इन क्षेत्रों में तेज़ रिकवरी देखी जा रही है।

(ii) निर्यात में वृद्धि:

  • भारत के मुख्य निर्यात, जैसे फार्मा, टेक्सटाइल और IT सेवाओं, में उन्नति।
  • मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) से निर्यात को बढ़ावा।

(iii) डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार:

  • डिजिटल इंडिया और UPI जैसे पहल ने वित्तीय समावेशन को तेज़ किया।
  • ई-कॉमर्स और स्टार्टअप्स में वृद्धि।

(iv) बुनियादी ढांचे पर जोर:

  • प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना और भारतमाला परियोजना जैसी योजनाओं के तहत बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश।
  • रेलवे, हाईवे और एयरपोर्ट के विकास ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया।

(v) विदेशी निवेश में वृद्धि:

  • FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI (Production-Linked Incentive) योजनाएँ।

GDP वृद्धि पर संभावित चुनौतियां:

(i) मुद्रास्फीति:

  • बढ़ती कीमतें (खाद्य और ईंधन) लोगों की क्रय शक्ति को कम करती हैं।
  • RBI को ब्याज दरें बढ़ानी पड़ सकती हैं, जिससे निवेश प्रभावित होगा।

(ii) वैश्विक आर्थिक मंदी:

  • अमेरिका और यूरोपीय देशों की मंदी भारत के निर्यात को प्रभावित कर सकती है।
  • वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव (जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध) व्यापार और ऊर्जा कीमतों को प्रभावित कर सकता है।

(iii) राजकोषीय घाटा:

  • सरकार की उच्च सब्सिडी और निवेश योजनाएँ घाटा बढ़ा सकती हैं।

(iv) ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमजोरी:

  • मानसून की अनिश्चितता और कृषि उत्पादन में उतार-चढ़ाव।

सरकार के प्रयास:

(i) आर्थिक सुधार:

  • GST संग्रह में वृद्धि।
  • व्यापार को सरल बनाने के लिए सुधार (Ease of Doing Business)।

(ii) नवीन योजनाएँ:

  • “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों को बढ़ावा।
  • MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए आसान क्रेडिट।

(iii) हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy):

  • भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
  • सौर ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन पर निवेश।

UPSC के लिए प्रासंगिक बिंदु:

  • सांख्यिकीय डेटा:
    • भारत की 2024-25 GDP वृद्धि दर: 6.4%
    • सेवा क्षेत्र का योगदान: लगभग 50%।
  • आर्थिक सुधार:
    • “डिजिटल इंडिया” और “PLI स्कीम” के प्रभाव।
  • आर्थिक चुनौतियाँ:
    • मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी के प्रभाव।
  • आगे का रास्ता:
    • हरित और समावेशी विकास।
    • ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन।

निष्कर्ष:

भारत की GDP वृद्धि दर 6.4% विकासशील अर्थव्यवस्था की स्थिरता और मजबूती को दर्शाती है। हालांकि, इसे बनाए रखने के लिए आर्थिक सुधारों, मुद्रास्फीति नियंत्रण, और वैश्विक परिस्थितियों के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। UPSC के उत्तर लेखन में इन बिंदुओं को शामिल कर उत्तर को सटीक और विश्लेषणात्मक बनाया जा सकता है।


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