DAILY CURRENT AFFAIRS IN HINDI FOR UPSC IAS – Prelims And Mains Examination 2025 | 16 April 2025 – UPSC PRELIMS POINTER Fact Based Current Affairs.
DAILY Current Affairs Analysis For UPSC Pre And Mains Examination
Daily Archiveभारत में 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना | India to Receive Above Normal Rainfall in 2025
भारत में 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना | India to Receive Above Normal Rainfall in 2025
चर्चा में क्यों? | Why in News?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि वर्ष 2025 के मानसून सीज़न के दौरान भारत में सामान्य से अधिक वर्षा (Above Normal Rainfall) देखने को मिल सकती है। इस अनुमान का प्रमुख कारण न्यूट्रल एल नीनो परिस्थितियाँ (Neutral El Niño Conditions) मानी जा रही हैं।
प्रमुख बिंदु | Key Highlights
- IMD की घोषणा: 2025 के दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है।
- ENSO की स्थिति: एल नीनो (El Niño) की स्थिति धीरे-धीरे न्यूट्रल हो रही है, जिससे मानसून पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
- भारतीय कृषि पर प्रभाव: सामान्य से अधिक वर्षा खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल मानी जा रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।
महत्वपूर्ण शब्दावली (Important Terms with Notes)
- एल नीनो (El Niño): यह एक महासागरीय-आंतरिक मौसमी पैटर्न है जिसमें प्रशांत महासागर की सतही जलधाराएं गर्म हो जाती हैं, जिससे वैश्विक मौसम चक्र प्रभावित होता है।
Note: El Niño का प्रभाव अक्सर भारत में मानसून को कमजोर करता है, लेकिन 2025 में यह स्थिति न्यूट्रल हो रही है। - लानीना (La Niña): एल नीनो का विपरीत प्रभाव जिसमें महासागर की सतह ठंडी हो जाती है और मानसून अधिक तीव्र हो जाता है।
- IOD (Indian Ocean Dipole): हिंद महासागर में तापमान भिन्नता जो मानसून को प्रभावित कर सकती है।
प्रभाव और विश्लेषण | Impacts and Analysis
1. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
- पर्याप्त वर्षा से धान, मक्का, कपास और गन्ने जैसी फसलों की पैदावार बढ़ सकती है।
- जलस्तर और भूजल पुनर्भरण में सहायता मिल सकती है।
2. शहरी और बुनियादी ढांचा
- अत्यधिक वर्षा से शहरी बाढ़ (Urban Flooding) की आशंका भी बढ़ सकती है।
- जल निकासी और सिंचाई प्रणाली को बेहतर बनाने की आवश्यकता।
3. बिजली उत्पादन
- जल विद्युत परियोजनाओं में जल उपलब्धता बढ़ने से उत्पादन लागत में कमी।
IMD का पूर्वानुमान मॉडल | IMD’s Forecasting Model
IMD अपने Monsoon Mission कार्यक्रम के तहत विभिन्न आंकड़ों और मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग करता है, जैसे:
- Dynamical Model
- Statistical Model
- Extended Range Forecast System (ERFS)
भारत के लिए क्या मायने हैं यह पूर्वानुमान? | What Does It Mean for India?
क्षेत्र | प्रभाव |
---|---|
कृषि | उपज में वृद्धि, किसानों की आमदनी बढ़ेगी |
जल संसाधन | जलाशयों और नदियों में जल स्तर में सुधार |
अर्थव्यवस्था | ग्रामीण मांग और GDP में योगदान |
आपदा प्रबंधन | बाढ़ और भूस्खलन की आशंका के लिए तैयारी ज़रूरी |
FAQs
Q1. क्या 2025 में एल नीनो की स्थिति भारत के मानसून को प्रभावित करेगी?
उत्तर: नहीं, 2025 में एल नीनो की स्थिति न्यूट्रल बताई गई है, जिससे मानसून पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Q2. अधिक वर्षा का कृषि पर क्या असर होगा?
उत्तर: इससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकती है।
Q3. क्या शहरी क्षेत्रों में अधिक वर्षा नुकसानदायक हो सकती है?
उत्तर: हाँ, जल निकासी की समस्या के कारण बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
UPSC परीक्षा प्रासंगिक बिंदु | UPSC Exam Relevance
- GS Paper 1: मानसून प्रणाली, जलवायु परिवर्तन
- GS Paper 3: कृषि, आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय अध्ययन
- Current Affairs: मौसम पूर्वानुमान, ENSO पैटर्न
Summary Box:
- वर्षा: सामान्य से अधिक (Above Normal)
- ENSO: न्यूट्रल
- मुख्य प्रभाव: कृषि, जल संसाधन, अर्थव्यवस्था
- आपदा जोखिम: शहरी बाढ़, भूस्खलन
कूनो से गांधी सागर में चीता स्थानांतरण : Cheetah Relocation from Kuno to Gandhi Sagar
कूनो से गांधी सागर में चीता स्थानांतरण
Cheetah Relocation from Kuno to Gandhi Sagar
चर्चा में क्यों? | Why in News?
हाल ही में चीता परियोजना संचालन समिति (Cheetah Project Steering Committee) ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary) में कुछ चीतों को स्थानांतरित करने को मंजूरी दे दी है।
पृष्ठभूमि | Background
- चीता पुनःस्थापन परियोजना (Project Cheetah) 2022 में शुरू की गई थी।
- यह विश्व की पहली अंतर-महाद्वीपीय पुनर्वास परियोजना है जिसमें अफ्रीकी चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए।
- इन चीतों को सबसे पहले कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया।
स्थानांतरण की आवश्यकता क्यों? | Why Relocation was Needed?
- कूनो में विस्थापित गांवों की संख्या, घनत्व, और पर्याप्त स्थान की कमी से चीते संघर्ष कर रहे हैं।
- विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि अधिक स्थान और कम मानव हस्तक्षेप वाले क्षेत्रों में स्थानांतरण से चीतों की जीवितता और प्रजनन दर में सुधार होगा।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य | Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary
- स्थान: मंदसौर और नीमच जिलों, मध्य प्रदेश।
- क्षेत्रफल: लगभग 368 वर्ग किमी।
- इसमें समृद्ध घास के मैदान, झाड़ियों, और जल स्रोतों की प्रचुरता है — चीतों के अनुकूल आवास।
प्रमुख उद्देश्य | Key Objectives
• चीता संरक्षण और दीर्घकालिक अस्तित्व सुनिश्चित करना।
• पर्यटन, स्थानीय रोजगार, और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना।
• भविष्य में विविध क्षेत्रों में चीता पुनर्वास को सक्षम बनाना।
महत्त्वपूर्ण शब्दावली | Important Terms (With Notes)
- चीता पुनःस्थापन (Cheetah Reintroduction): विलुप्त हो चुके प्रजातियों को पुनः किसी क्षेत्र में बसाना।
- गांधी सागर डैम (Gandhi Sagar Dam): चंबल नदी पर स्थित, जिससे आस-पास का पारिस्थितिकी तंत्र समृद्ध है।
- वन्यजीव गलियारा (Wildlife Corridor): दो आवासों को जोड़ने वाला मार्ग जिससे जानवर स्वतंत्र रूप से आवागमन कर सकें।
प्रशासनिक दृष्टिकोण | Administrative Perspective
- यह स्थानांतरण राज्य सरकार, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) की सामूहिक निगरानी में किया जाएगा।
- जियो-टैगिंग कॉलर और सैटेलाइट मॉनिटरिंग द्वारा निगरानी की जाएगी।
कानूनी और नीति आधारित दृष्टिकोण | Legal & Policy View
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत चीता अनुसूची-1 प्रजाति में है — सबसे उच्च संरक्षण।
- यह परियोजना राष्ट्रीय जैव विविधता नीति और 2030 पर्यावरण लक्ष्यों के अनुरूप है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण | Social and Economic Angle
- स्थानीय समुदायों की आजीविका और पर्यटन आधारित रोजगार में वृद्धि संभव।
- प्रशिक्षण, संवेदनशीलता अभियान, और स्थानीय भागीदारी जरूरी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य | Global Relevance
- भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अफ्रीकी चीते को एशियाई परिदृश्य में दोबारा बसाने की कोशिश की है।
- यह परियोजना वन्यजीव अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उदाहरण है।
UPSC परीक्षा प्रासंगिक बिंदु | UPSC Exam Relevant Points
• Project Cheetah – Year & Objective
• Location of Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary
• Difference between National Parks and Wildlife Sanctuaries
• Legal status of Cheetahs under Wildlife Protection Act
• Ecological Role of Large Carnivores
• Rewilding Projects Worldwide
सारांश बॉक्स | Summary Box
विषय | विवरण |
---|---|
परियोजना | चीता पुनःस्थापन योजना (Project Cheetah) |
स्थानांतरण | कूनो से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य |
उद्देश्य | चीता संरक्षण, पर्यटन, जैव विविधता |
एजेंसियाँ | NTCA, WII, MP सरकार |
संबंधित कानून | वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 |
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. भारत में चीता कब विलुप्त हुए थे?
Ans: वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित कर दिया था।
Q2. गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य क्यों चुना गया?
Ans: यह क्षेत्र चीतों के लिए उपयुक्त घासभूमि, कम मानवीय हस्तक्षेप और पर्याप्त शिकार प्रदान करता है।
Q3. क्या स्थानांतरण का कोई जोखिम है?
Ans: हाँ, अनुकूलन, बीमारी, और संघर्ष जैसे जोखिम होते हैं, जिनकी निगरानी वैज्ञानिक उपकरणों से की जाती है।
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