DAILY CURRENT AFFAIRS IN HINDI FOR UPSC IAS – Prelims And Mains Examination 2025 | 20 March 2025 – UPSC PRELIMS POINTER Fact Based Current Affairs.
DAILY Current Affairs Analysis For UPSC Pre And Mains Examination
Daily Archiveभारत-न्यूज़ीलैंड रक्षा समझौता ( INDIA AND NEW ZEALAND SIGN DEFENCE PACT )
समाचार में क्यों?
• भारत ने न्यूज़ीलैंड के साथ एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
• यह समझौता समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की बैठक के बाद इस समझौते की घोषणा हुई।
समझौते के प्रमुख बिंदु
✔ सुरक्षा और रक्षा सहयोग – दोनों देश रक्षा क्षेत्र में सूचना साझा करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देंगे।
✔ समुद्री सुरक्षा – हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, सुरक्षित और नियम-आधारित समुद्री व्यापार मार्ग सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।
✔ आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ सहयोग – भारत और न्यूज़ीलैंड आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने में सहयोग करेंगे।
✔ संयुक्त सैन्य अभ्यास – भविष्य में दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं।
✔ रक्षा तकनीक और अनुसंधान – रक्षा उद्योग और तकनीकी अनुसंधान में सहयोग बढ़ाया जाएगा।
भारत-न्यूज़ीलैंड संबंधों की पृष्ठभूमि
• राजनयिक संबंध स्थापना – भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 1952 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
• रक्षा सहयोग – दोनों देशों की नौसेनाएँ पहले भी संयुक्त नौसैनिक अभियानों और अभ्यासों में भाग ले चुकी हैं।
• व्यापार और रणनीतिक साझेदारी – न्यूज़ीलैंड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और दोनों देश व्यापार और निवेश में भागीदार हैं।
• कॉमनवेल्थ और बहुपक्षीय मंच – भारत और न्यूज़ीलैंड संयुक्त राष्ट्र, कॉमनवेल्थ, और इंडो-पैसिफिक पहल जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग करते हैं।
रणनीतिक महत्व
क्षेत्र | महत्व |
---|---|
हिंद-प्रशांत क्षेत्र | इस समझौते से भारत की इंडो-पैसिफिक रणनीति को मजबूती मिलेगी और चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को संतुलित करने में मदद मिलेगी। |
समुद्री सुरक्षा | दोनों देशों के बीच समुद्री सूचना साझाकरण और गश्त बढ़ेगी, जिससे समुद्री लुटेरों और अवैध गतिविधियों को रोका जा सकेगा। |
रक्षा उद्योग | भारत की मेक इन इंडिया और रक्षा निर्यात नीति को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे न्यूज़ीलैंड भारतीय रक्षा उत्पादों का खरीदार बन सकता है। |
बहुपक्षीय सहयोग | भारत और न्यूज़ीलैंड का सहयोग क्वाड, आसियान, और कॉमनवेल्थ मंचों को भी प्रभावित कर सकता है। |
निष्कर्ष
• यह समझौता भारत-न्यूज़ीलैंड रक्षा संबंधों को एक नई दिशा देगा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेगा।
• भारत की रक्षा कूटनीति और समुद्री सुरक्षा रणनीति को मजबूती मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहेगी।
• दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी के और विस्तार की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु
GS Paper 2 (अंतरराष्ट्रीय संबंध)
• भारत-न्यूज़ीलैंड द्विपक्षीय संबंध।
• हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की नीति।
• समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग।
GS Paper 3 (आंतरिक सुरक्षा और रक्षा तकनीक)
• भारत की रक्षा साझेदारियाँ।
• समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा।
• आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ वैश्विक सहयोग।
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