- समाचार में क्यों?
- WSDS (World Sustainable Development Summit) क्या है?
- WSDS 2025 का मुख्य विषय (Theme)
- WSDS 2024 की प्रमुख बातें
- सतत विकास (Sustainable Development) क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत में सतत विकास से जुड़े प्रमुख कदम
- भारत और वैश्विक जलवायु परिवर्तन नीतियाँ
- निष्कर्ष
- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु
समाचार में क्यों?
• पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (WSDS) 2025 का उद्घाटन किया।
• इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक सतत विकास (Sustainable Development) और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियों और रणनीतियों पर चर्चा करना है।
WSDS (World Sustainable Development Summit) क्या है?
• यह एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसका आयोजन The Energy and Resources Institute (TERI) द्वारा किया जाता है।
• इसका उद्देश्य टिकाऊ विकास (Sustainable Development) और जलवायु परिवर्तन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों को एक मंच पर लाना है।
• WSDS की शुरुआत 2001 में “Delhi Sustainable Development Summit” (DSDS) के रूप में हुई थी, जिसे 2016 में WSDS के रूप में पुनः ब्रांड किया गया।
WSDS 2025 का मुख्य विषय (Theme)
(अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है, लेकिन पिछले वर्षों की थीम के आधार पर यह जलवायु परिवर्तन और सतत विकास से जुड़ा होगा।)
WSDS 2024 की प्रमुख बातें
• 2024 में इसका थीम था – “Leadership for Sustainable Development and Climate Justice”।
• भारत ने ग्रीन ग्रोथ (Green Growth), जलवायु वित्त (Climate Finance), और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
• इसमें संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, विभिन्न देशों की सरकारों, निजी क्षेत्र और पर्यावरण विशेषज्ञों ने भाग लिया।
सतत विकास (Sustainable Development) क्यों महत्वपूर्ण है?
• जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और जैव विविधता के क्षरण को रोकने के लिए सतत विकास अनिवार्य है।
• 2015 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs – Sustainable Development Goals) के तहत 17 लक्ष्य निर्धारित किए, जिनका उद्देश्य 2030 तक समावेशी और सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
भारत में सतत विकास से जुड़े प्रमुख कदम
• राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (National Adaptation Fund for Climate Change – NAFCC)।
• राष्ट्रीय सौर मिशन (National Solar Mission) – 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
• स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) – स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर ध्यान।
• राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन (National Electric Mobility Mission) – इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना।
• जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) – ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करना।
भारत और वैश्विक जलवायु परिवर्तन नीतियाँ
नीति/अभियान | विवरण |
---|---|
पेरिस समझौता (2015) | भारत ने 2070 तक नेट-जीरो (Net-Zero) कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा। |
G20 में भारत की भूमिका | भारत ने सतत विकास और हरित ऊर्जा के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया। |
LiFE मिशन | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया मिशन, जो सतत जीवनशैली (Lifestyle for Environment) को प्रोत्साहित करता है। |
निष्कर्ष
WSDS 2025 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहाँ वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत को अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों, पर्यावरण संरक्षण नीतियों और जलवायु वित्त को मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा।
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु
GS Paper 3:
• पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास।
• जलवायु परिवर्तन और भारत की नीतियाँ।
• अक्षय ऊर्जा और ग्रीन ग्रोथ।
GS Paper 2:
• वैश्विक संगठनों और संधियों में भारत की भूमिका।
• अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पर्यावरण कूटनीति।
• सरकारी नीतियाँ और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जुड़ी पहलें।
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