Virtual Digital Assets (VDAs) और भारत में नई कर नीति
समाचार में क्यों?
भारत सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 (Income Tax Bill, 2025) में पहली बार वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (Virtual Digital Assets – VDAs) को संपत्ति (Property) और पूंजीगत संपत्ति (Capital Asset) के रूप में मान्यता दी है। इससे इन परिसंपत्तियों पर कर नियम स्पष्ट होंगे और कर प्रशासन को मजबूती मिलेगी।
Virtual Digital Assets (VDAs) क्या हैं?
परिभाषा:
भारतीय वित्त अधिनियम, 2022 के तहत VDAs में निम्नलिखित शामिल हैं:
• क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) – जैसे बिटकॉइन, एथेरियम आदि।
• NFTs (Non-Fungible Tokens) – डिजिटल कला, संगीत, और अन्य डिजिटल संपत्तियाँ।
• किसी अन्य डिजिटल संपत्ति को भी सरकार आवश्यकता अनुसार VDA घोषित कर सकती है।
आयकर विधेयक, 2025 में VDA को संपत्ति के रूप में मान्यता
मुख्य बिंदु:
• पूंजीगत संपत्ति की श्रेणी: VDAs को अचल संपत्ति (Immovable Property) की तरह पूंजीगत संपत्ति (Capital Asset) माना जाएगा।
• कराधान:
• VDA की बिक्री या हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) लागू होगा।
• उपहार (Gift) में मिले VDA पर भी कर लगेगा।
• अनियमितताओं से बचाव: डिजिटल संपत्तियों के अवैध उपयोग, कर चोरी और काले धन के प्रवाह को रोकने में मदद मिलेगी।
• नियामक स्पष्टता: कर नीति में यह बदलाव भारत में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को वैधानिक रूप से स्पष्ट स्थिति प्रदान करेगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और VDAs पर कर नियम (Taxation Rules on VDAs in India)
वित्त अधिनियम, 2022 के प्रावधान:
• 30% कर: VDA से अर्जित आय पर 30% टैक्स लागू होगा (सेक्शन 115BBH के तहत)।
• 1% TDS: ₹50,000 से अधिक के VDA ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस (Tax Deducted at Source) काटा जाएगा।
• हानि समायोजन की मनाही: क्रिप्टो में हुए नुकसान को किसी अन्य आय से समायोजित नहीं किया जा सकता।
VDA पर वैश्विक दृष्टिकोण
• अमेरिका: क्रिप्टो संपत्तियों को पूंजीगत संपत्ति (Capital Asset) माना जाता है और कर लगाया जाता है।
• यूरोपीय संघ (EU): क्रिप्टोकरेंसी को वैध डिजिटल संपत्ति के रूप में स्वीकार किया गया है।
• चीन: क्रिप्टो ट्रेडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
• एल साल्वाडोर: बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा (Legal Tender) घोषित किया गया है।
भारत में VDAs को कानूनी रूप से मान्यता देने के प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव:
• वित्तीय पारदर्शिता: कर अनुपालन और पारदर्शिता बढ़ेगी।
• निवेश को बढ़ावा: डिजिटल संपत्तियों में सुरक्षित निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
• अर्थव्यवस्था में डिजिटल परिवर्तन: भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
चुनौतियाँ:
• विनियमन की अनिश्चितता: अभी तक कोई स्पष्ट क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क नहीं है।
• कर की उच्च दर: 30% टैक्स और 1% TDS निवेशकों के लिए कठिनाई बढ़ा सकता है।
• अवैध लेनदेन का जोखिम: क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में हो सकता है।
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिक बिंदु
GS Paper 3:
• भारतीय अर्थव्यवस्था और कर सुधार।
• डिजिटल करेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी।
• क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव।
GS Paper 2:
• सरकारी नीतियाँ और कानूनी सुधार।
• वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी नीतियों की तुलना।
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