DAILY CURRENT AFFAIRS IN HINDI FOR UPSC IAS – Prelims And Mains Examination 2025 | 29 JANUARY 2025 – UPSC PRELIMS POINTER Fact Based Current Affairs
DAILY Current Affairs Analysis For UPSC Pre And Mains Examination
Daily Archiveअंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport – IWT)
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) में अंतर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने हेतु वाराणसी में आईडब्ल्यूएआई का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित
परिचय:
अंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport – IWT) को प्रभावी रूप से लागू करने और राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) गंगा नदी में जल यातायात को सुगम बनाने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने अपने वाराणसी स्थित उप-कार्यालय को पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय में अपग्रेड कर दिया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गंगा तटीय राज्यों में जल परिवहन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
1. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) क्या है?
- NW-1 भारत के पाँच राष्ट्रीय जलमार्गों में से एक है, जो गंगा नदी पर स्थित है।
- यह हल्दिया (पश्चिम बंगाल) से वाराणसी (उत्तर प्रदेश) तक 1,620 किलोमीटर लंबा जलमार्ग है।
- इसका विकास “जल मार्ग विकास परियोजना (JMVP)” के तहत विश्व बैंक की सहायता से किया जा रहा है।
- यह जलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ता है, जिससे व्यापारिक और परिवहन सुविधाओं में वृद्धि होगी।
2. वाराणसी में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना का महत्व
✅ बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण: IWT गतिविधियों की मॉनिटरिंग और प्रबंधन में आसानी होगी।
✅ नौवहन (Navigation) सुविधाओं का विस्तार: जलमार्ग को और अधिक सुरक्षित और सुलभ बनाया जाएगा।
✅ कार्गो और यात्री परिवहन को बढ़ावा: माल ढुलाई और यात्री नौवहन की सुविधाएँ उन्नत होंगी।
✅ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल: व्यापार और पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे।
3. वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय की प्रमुख जिम्मेदारियाँ
🔹 जलमार्ग की रखरखाव और गहराई सुनिश्चित करना।
🔹 टर्मिनल और लॉजिस्टिक्स हब का संचालन।
🔹 नौवहन सुरक्षा से संबंधित कार्यों का संचालन।
🔹 स्थानीय व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
🔹 जल मार्ग विकास परियोजना (JMVP) की निगरानी।
4. UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
1️⃣ राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) किन राज्यों से होकर गुजरता है?
→ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल।
2️⃣ IWAI द्वारा वाराणसी में क्षेत्रीय कार्यालय क्यों स्थापित किया गया?
→ NW-1 में IWT गतिविधियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए।
3️⃣ जल मार्ग विकास परियोजना (JMVP) किसके सहयोग से चल रही है?
→ विश्व बैंक की सहायता से।
4️⃣ वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय से क्या लाभ होंगे?
→ जल परिवहन प्रणाली का विकास, व्यापार में वृद्धि, लॉजिस्टिक्स सुविधाओं में सुधार।
5️⃣ NW-1 का रणनीतिक महत्व क्या है?
→ यह पूर्वी भारत में व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जिससे सड़क और रेल परिवहन पर दबाव कम होगा।
5. निष्कर्ष
वाराणसी में IWAI का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करना, भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। NW-1 का विकास भारत की “गति शक्ति योजना” के तहत लॉजिस्टिक्स सुधारों में योगदान देगा और पर्यावरण के अनुकूल एवं किफायती परिवहन साधन को प्रोत्साहित करेगा।
भविष्य में इस पहल से:
🔹 व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी।
🔹 सड़कों और रेलवे पर यातायात का दबाव कम होगा।
🔹 भारत के जलमार्ग नेटवर्क का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।
यह विषय UPSC परीक्षा के लिए GS Paper-3 (अवसंरचना एवं आर्थिक विकास) तथा साक्षात्कार में महत्वपूर्ण हो सकता है।
राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (Fiscal Health Index – FHI) 2025
राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (Fiscal Health Index – FHI) 2025
परिचय:
भारत सरकार की नीति निर्धारण संस्था नीति आयोग ने “राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (FHI) 2025” की पहली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना और सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना है। इसे 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया द्वारा लॉन्च किया गया।
यह रिपोर्ट राज्यों की राजकोषीय सेहत का आकलन करती है, जिससे नीति निर्माताओं को अपनी वित्तीय नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायता मिल सके।
1. रिपोर्ट के प्रमुख उद्देश्य
✅ राज्यों की वित्तीय स्थिरता का मूल्यांकन
✅ व्यय की गुणवत्ता और वित्तीय विवेक की जाँच
✅ सतत आर्थिक विकास के लिए सुझाव
✅ ऋण प्रबंधन और भविष्य की चुनौतियों को उजागर करना
2. मूल्यांकन के प्रमुख घटक
राज्यों की वित्तीय स्थिति को पाँच मुख्य कारकों के आधार पर आंका गया है:
(A) व्यय की गुणवत्ता (Quality of Expenditure)
- किस प्रकार का खर्च किया गया?
- क्या खर्च उत्पादन और विकास को बढ़ाने वाला है?
(B) राजस्व जुटाने की क्षमता (Revenue Mobilisation)
- राज्य खुद से कितना राजस्व अर्जित कर रहा है?
- टैक्स और गैर-टैक्स राजस्व की स्थिति कैसी है?
(C) राजकोषीय विवेक (Fiscal Prudence)
- क्या राज्य अपने वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर रहा है?
- बजटीय घाटे को कैसे नियंत्रित किया जा रहा है?
(D) ऋण सूचकांक (Debt Index)
- राज्य पर कुल कितना कर्ज है?
- यह कर्ज GDP के अनुपात में कितना प्रभावी है?
(E) ऋण स्थिरता (Debt Sustainability)
- क्या राज्य अपने कर्ज को चुकाने में सक्षम है?
- दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा की क्या स्थिति है?
3. राज्यों का प्रदर्शन
श्रेणी | शीर्ष राज्य | कमजोर राज्य |
---|---|---|
श्रेष्ठ प्रदर्शन | ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड | पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल |
(A) शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य
✅ ओडिशा – 67.8 अंकों के साथ सर्वोच्च स्थान
✅ छत्तीसगढ़ – राजस्व जुटाने और ऋण प्रबंधन में मजबूत
✅ गोवा – आर्थिक स्थिरता और वित्तीय विवेक में कुशल
(B) कमजोर प्रदर्शन करने वाले राज्य
❌ पंजाब – उच्च वित्तीय घाटा और ऋण बोझ
❌ केरल – व्यय की गुणवत्ता में कमी
❌ आंध्र प्रदेश – राजस्व संग्रहण में चुनौतियाँ
❌ पश्चिम बंगाल – वित्तीय प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता
5. निष्कर्ष
राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक 2025 रिपोर्ट, राज्यों की वित्तीय सेहत का एक व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। यह रिपोर्ट राज्यों को आर्थिक मजबूती और स्थायी वित्तीय प्रबंधन के लिए आवश्यक सुधारों की ओर निर्देशित करती है।
इस रिपोर्ट से भविष्य में:
🔹 राज्यों की आर्थिक नीतियों में सुधार होगा।
🔹 वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा।
🔹 भारत की संपूर्ण राजकोषीय स्थिति मजबूत होगी।
4. UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
1️⃣ नीति आयोग का “राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (FHI) 2025” किससे संबंधित है?
→ राज्यों की वित्तीय स्थिति के आकलन से।
2️⃣ इस रिपोर्ट में राज्यों का मूल्यांकन किन पाँच घटकों पर किया गया है?
→ व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक, और ऋण स्थिरता।
3️⃣ कौन से राज्य शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं?
→ ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा।
4️⃣ कौन से राज्य कमजोर प्रदर्शनकर्ता हैं?
→ पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल।
5️⃣ इस रिपोर्ट का महत्व क्या है?
→ यह राज्यों की वित्तीय स्थिति को समझने और सुधार लाने के लिए नीति निर्माताओं को मार्गदर्शन देती है।
यूपीएससी परीक्षा के लिए यह विषय आर्थिक, नीतिगत सुधारों और समसामयिक घटनाओं से संबंधित है। यह मुख्य परीक्षा (GS Paper-3) और साक्षात्कार के लिए महत्वपूर्ण है।
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